Hindi Newsबिहार न्यूज़Will Patna not drown in rain this year Nagar Nigam gave this duty to 24 engineers

इस साल बारिश में नहीं डूबेगा पटना? नगर निगम ने 24 इंजीनियरों को दी यह ड्यूटी

नगर निगम क्षेत्र में कुल 39 ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन हैं, जिससे बरसात के दिनों में जल निकासी की जाती है। इसमें अजीमाबाद अंचल में 6 डीपीएस हैं यहां चार अभियंताओं की तैनाती की गई है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटनाThu, 23 May 2024 11:17 AM
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पिछले कई सालों से बारिश के मौसम में बिहार की राजधानी पटना में जलजमाव से तबाही आ जाती है। पटना शहर में अब जलजमाव की स्थिति नहीं हो इसीलिए सभी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन (डीपीएस) पर कर्मचारियों की बजाय 24 अभियंताओं की तैनाती की गई है। इस संबंध में बुडको के प्रबंध निदेशक की ओर से पत्र भी जारी कर दिया गया है। सभी अभियंता जून में अपने-अपने प्रभार में मिले डीपीएस पर निगरानी रखेंगे।

नगर निगम क्षेत्र में कुल 39 ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन हैं, जिससे बरसात के दिनों में जल निकासी की जाती है। इसमें अजीमाबाद अंचल में 6 डीपीएस हैं यहां चार अभियंताओं की तैनाती की गई है। इसी प्रकार कंकड़बाग अंचल क्षेत्र में 6 डीपीएस पर तीन अभियंता, बांकीपुर अंचल में 6 डीपीएस पर चार अभियंता, पाटलिपुत्र अंचल में 6 डीपीएस पर पांच अभियंता, नूतन राजधानी अंचल क्षेत्र में 11 डीपीएस पर छह अभियंता तथा दानापुर नगर परिषद क्षेत्र में चार डीपीएस पर दो अभियंता की तैनाती की गई है। 

ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन पर कनीय अभियंता और सहायक अभियंता की तैनाती की गई है। प्रबंध निदेशक द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि सभी अभियंता अभी से ही बिजली विभाग के संबंधित अधिकारियों से संपर्क स्थापित करेंगे। इससे बारिश के दिनों में ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन पर किसी प्रकार की विद्युत आपूर्ति में व्यवधान नहीं होगी। जिन पंपिंग स्टेशन पर तकनीकी गड़बड़ी है उसे अभी ही ठीक करने तथा पहली जून से देखरेख करना शुरू करना होगा। अधिक बरसात होने पर भी सभी ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन से पानी की जल्दी निकासी हो सके इसकी पूरी व्यवस्था रखने को कहा गया है।

बारिश के दिनों में संप हाउस के संचालन में किसी प्रकार की लापरवाही में वहां के कर्मचारी नहीं बल्कि तकनीकी अधिकारी-अभियंता जिम्मेदार होंगे। 2019 में पटना शहर में भारी जल जमाव हो गया था। जब इसके कारणों का पता लगाया गया था तो जानकारी मिली कि भारी बारिश होने के बावजूद पंपिंग स्टेशन चालू नहीं हुए थे। क्योंकि वहां संप हाउसों पर अभियंताओं के बजाय चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों की तैनाती थी। मामूली गड़बड़ी पर भी पंप बंद हो गए थे तो कई जगह कर्मचारियों द्वारा जैसे तैसे पंपिंग स्टेशन को चलाया जा रहा था। इसीलिए तकनीकी अधिकारियों को ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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