Hindi Newsबिहार न्यूज़Will Nitish 2 lakh cash subsidy to 94 lakh poor families counter Narendra Modi Free Ration Scheme in Elections

बिहार में 94 लाख परिवार को 2-2 लाख कैश अनुदान, नीतीश को मिल गया मोदी के फ्री राशन का चुनावी तोड़?

कोरोना महामारी के समय शुरू हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच साल बढ़ाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो बड़ा दांव चला है उसकी काट सारे विपक्षी दल अब तक खोज रहे हैं।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 17 Jan 2024 08:02 PM
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लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मा, बीजेपी के संगठन और एनडीए के बहुकोणीय गठबंधन से मुकाबले के लिए नौकरी-बहाली से लेकर लोक-लुभावन योजना की बौछार कर रही है। अब सरकार ने बिहार लघु उद्यमी योजना शुरू करने का फैसला किया है जिसके तहत 94 लाख 33 हजार 312 गरीब परिवारों के एक-एक सदस्य को एक काम-धंधा शुरू करने के लिए 2-2 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। आम चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर भर्ती के बाद नीतीश की इस योजना को केंद्र में बीजेपी सरकार की मुफ्त राशन योजना के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। अनुमानित तौर पर उद्यमी योजना से बिहार में 5 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। राज्य में वोटर की संख्या लगभग 8 करोड़ है। 

कोरोना महामारी के समय गरीब परिवारों की मदद के लिए पीएम मोदी द्वारा शुरू प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने घर चलाने जैसी बेसिक जरूरतों से जूझ रहे लोगों के जीवन पर गहरा असर डाला है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत में इस योजना की बड़ी भूमिका मानी गई। लॉकडाउन और दूसरे प्रतिबंधों की वजह से कमाई बंद होने के कारण उस समय लोग नाराज थे। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के ठीक बाद जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हुए तो उसमें योगी आदित्यनाथ सरकार की वापसी में भी मुफ्त राशन योजना को भी एक बड़ा फैक्टर माना गया।

हाल में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान ही पीएम मोदी ने मुफ्त राशन योजना को अगले पांच साल के लिए बढ़ाने की घोषणा कर दी थी। इसका असर नतीजों पर दिखा। कांग्रेस ने राजस्थान के साथ-साथ छत्तीसगढ़ भी गंवा दिया जहां उसकी सरकार बनने का दावा सारे सर्वेक्षण कर रहे थे। कहने का मतलब ये कि मुफ्त राशन योजना का चुनावी लाभ बीजेपी को मिल रहा है क्योंकि आम लोगों के मुझे क्या मिला जैसे सवालों का यह स्कीम सीधा जवाब है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से सत्ता विरोधी लहर काट रही है बीजेपी

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश की लगभग 80 फीसदी आबादी को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज हर महीने फ्री में मिलता है। बिहार में इस योजना के लाभार्थियों की संख्या 9 करोड़ से कुछ कम है। मुफ्त राशन योजना के लाभार्थी लगातार सत्ता विरोधी लहर काटने में बीजेपी के मददगार साबित हो रहे हैं।

ऐसे में नीतीश की अगुवाई में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस की महागठबंधन सरकार ने वोटरों को लुभाने के लिए सीधा लाभ देने की लड़ाई में बीजेपी से सीधा मोर्चा लेने की तैयारी कर ली है। जाति आधारित सर्वेक्षण से हासिल गरीबी के डेटा के आधार पर प्रत्येक गरीब परिवार के एक-एक सदस्य को रोजगार के लिए 2-2 लाख रुपए का अनुदान देने का फैसला दूरगामी असर दिखा सकता है। योजना के लिए चिह्नित 94 लाख 33 हजार परिवारों में सामान्य वर्ग के 10 लाख से ऊपर, ओबीसी के 24 लाख से ज्यादा, ईबीसी के 33 लाख से अधिक, एससी के 23 लाख और एसटी के 2 लाख से ऊपर परिवार शामिल हैं।

गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने के मकसद से शुरू बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत सरकार 2 लाख रुपए की रकम तीन किस्तों में अनुदान के तौर पर देगी। सरकार की कोशिश है कि पहली किस्त चुनाव से पहले जारी हो जाए। अनुदान की रकम से गरीब परिवार का एक सदस्य 62 तरह के लघु उद्योगों की लिस्ट में एक काम शुरू कर सकता है। योजना की सफलता से गरीबी में गुजर-बसर कर रहे परिवारों की संख्या में कमी आएगी। नीति आयोग की रिपोर्ट से दो दिन पहले ही पता चला है कि 9 साल में बिहार में 3.77 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए हैं।

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी जहां जनकल्याण की तमाम केंद्रीय योजनाओं और विकास के काम के साथ मुफ्त राशन स्कीम की याद दिलाएगी वहीं महागठबंधन वोटरों को गरीबी से उबारने के लिए मिल रहे कैश अनुदान के लाभ गिनाएगा। मतदाता पर किस स्कीम का ज्यादा असर होगा, ये अनुमान लगाना मुश्किल है क्योंकि एक पेट से जुड़ी है और दूसरी आत्मनिर्भरता से। लेकिन नीतीश ने इतना तो तय किया है कि बिहार के चुनावी रण में बीजेपी को वोटरों को लुभाने की एकतरफा खुली छूट नहीं मिलेगी।

नीतीश सरकार की बिहार लघु उद्यमी योजना में कब मिलेगी कितनी रकम?

बिहार के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कैबिनेट के फैसले के बाद बताया कि जाति आधारित गणना के अनुसार राज्य में गरीब परिवारों की संख्या 94,33,312 है। इन परिवारों के एक-एक सदस्य को रोजगार के लिए दो-दो लाख रुपये अनुदान के रूप में दिये जाएंगे। सिद्धार्थ ने कहा कि यह राशि तीन किस्तों में दी जाएगी। पहले साल 25 फीसदी, दूसरे साल 50 फीसदी और तीसरे साल 25 फीसदी राशि मिलेगी। योजना पांच वर्षों के लिए लागू की गई है। इसके लिए वर्ष 2023-24 में 250 करोड़, वर्ष 2024-25 में सांकेतिक रूप से 1000 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।

बिहार लघु उद्यमी योजना में 62 तरह के उद्योग शुरू कनरे के लिए अनुदान के जरूरी नियम 

बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत 62 उद्योगों के लिए सहायता दी जाएगी। योजना पर अमल और निगरानी के लिए उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में भी छह सदस्यीय कमेटी अलग से बनाई गई है। यदि कोई उद्योग छूट गया होगा तो उसे इस सूची में शामिल करने पर भी कमेटी विचार करेगी। इस योजना के लिए केवल बिहार के निवासी पात्र होंगे जिनकी उम्र 18 से 50 वर्ष हो। इन परिवारों की पारिवारिक मासिक आय छह हजार रुपये से कम होनी चाहिए। योजना के लिए प्रत्येक वर्ष ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे। अधिक आवेदन मिलने पर लाभुकों का चयन कम्प्यूटर द्वारा रैंडम तरीके से होगा।

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