Hindi Newsबिहार न्यूज़When suddenly ACS S Siddhartha reached school Check copy of children in class questions asked to teacher also

जब अचानक स्कूल पहुंच गए ACS एस सिद्धार्थ; क्लास में बच्चों की चेक की कॉपी, टीचर से भी पूछे सवाल

शिक्षा विभाग के नए एसीएस डॉ. एस सिद्धार्थ आज अचानक पटना के एक प्राथमिक स्कूल पहुंच गए। और फिर क्लास में बच्चों की कॉपी चेक करने लगे। साथ ही टीचरों से भी कई सवाल पूछे।

Sandeep लाइव हिन्दुस्तान, पटनाMon, 1 July 2024 04:54 PM
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बिहार शिक्षा विभाग के नए एसीएस एस सिद्धार्थ आज अचानक पटना के  प्राथमिक स्कूल का निरीक्षण करने पहुंच गए। जब वो स्कूल पहुंचे तो गेट अंदर से बंद था। कारण पूछने पर बताया गया कि बच्चे बहाना बनाकर स्कूल से भाग जाते हैं। इसलिए अंदर से बंद कर देते हैं। जब एस सिद्धार्थ क्लास में दाखिल हुए तो शिक्षका बच्चों को पढ़ा रही थीं। काफी शोर-शराबा भी था। जिसके बाद एसीएस ने खुद बच्चों की कॉपी चेक की। और पूछा कि पढ़ाई कैसी होती है।

बच्चों के ड्रेस में स्कूल नहीं पहुंचने पर कारण पूछा तो बच्चों ने बताया कि उन्हें गर्मी लगती है। इसलिए ड्रेस नहीं पहनते। कुछ बच्चे टीशर्ट में तो कुछ बनियान में नजर आए। अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने खुद प्राथमिक विद्यालय अदालतगंज स्लम विद्यालय का निरीक्षण किया। और टीचर्स से भी बात की। 

इसके बाद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की बस्ती में भी गए। और अभिभावकों से बात की। तो पता चला कि कई बच्चे घर में काम का बहाना बनाकर स्कूल ही नहीं आए। जिस पर नाराजगी जताते हुए एसीएस ने अभिभावकों से रोज बच्चों को स्कूल भेजने की बात की। साथ ही स्कूल स्टाफ को भी बच्चों को स्कूल लाने का आदेश दिया। 

यह भी पढ़िए- स्कूल में अनुपस्थित रहने वाले बच्चों का नाम नहीं कटेगा, एस सिद्धार्थ ने केके पाठक का फैसला पलटा

आपको बता दें शिक्षा विभाग के ACS एस सिद्धार्थ अपनी सादगी और सरलता के लिए जाने जाते है। उनका अंदाज पहले के एसीएस केके पाठक से काफी अलग है। स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। कभी अचानक रास्ते में गाड़ी रोककर छात्रों की कॉपी चेक करने लगते हैं। साथ ही शिक्षकों और अभिभावकों में बेहतर समन्वय हो, इसके लिए भी प्रयास कर रहे है।  

हाल ही में उन्होंने अभिभावकों और लोगों से सीधे जुड़कर स्कूलों से जुड़ी समस्याएं जानने के लिए टोल फ्री नंबर और व्हाट्सएप नंबर जारी किए। खास बात यह है कि यह तरीका कारगर भी साबित हो रहा है। ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में लोग स्कूलों, बच्चों और शिक्षकों से जुड़ी शिकायतें सीधे एसीएस को कर रहे हैं।

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