शराब कंपनियों से चंदा लेकर शराबबंदी खत्म करने वाले थे तेजस्वी यादव, नीतीश की जेडीयू के गंभीर आरोप
नीतीश कुमार की जेडीयू ने आरोप लगाए हैं कि बिहार की सत्ता में रहने के दौरान आरजेडी ने शराब कंपनियों से करोड़ों का चंदा लिया। तेजस्वी यादव राज्य से शराबबंदी कानून खत्म करना चाहते थे।
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने लालू एवं तेजस्वी यादव की आरजेडी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जेडीयू ने दावा किया है कि महागठबंधन के सत्ता में रहने के दौरान आरजेडी ने शराब कंपनियों से करोड़ों रुपयों का चंदा लिया। इसके एवज में तेजस्वी यादव कथित रूप से बिहार से शराबबंदी को खत्म करने का सौदा कर रहे थे। जेडीयू का कहना है कि नीतीश कुमार ने इसी वजह से समय रहते आरजेडी का साथ छोड़कर फिर से एनडीए में वापसी कर ली।
जेडीयू ने बुधवार को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान आरजेडी पर हमला बोला। जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद नीरज कुमार और निहोरा प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आरजेडी के इन मंसूबों की भनक लग गई थी। लालू प्रसाद यादव बिहार में पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में थे, इसके बावजूद आरजेडी ने चुनावी बॉन्ड से जो 70 करोड़ का चंदा लिया इसमें से 45 करोड़ शराब कंपनियों के हैं। यह राशि आरजेडी को जुलाई 2023 से जनवरी 2024 के बीच मिली, जिस वक्त पार्टी बिहार में जेडीयू के साथ सत्ता में थी।
जेडीयू ने आरजेडी से पूछा है कि जब वे सत्ता में थे तभी पार्टी को मिले डोनेशन का 63 फीसदी हिस्सा शराब कंपनियों से क्यों लिया गया। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया है कि यह बिहार में शराबबंदी कानून को खत्म करने के लिए चोरी-छिपे राजनीतिक सौदेबाजी की ओर इशारा करता है।
जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि यह भी चौंकाने वाली बात है कि आरजेडी को चंदा देने वालीं अधिकतर शराब कंपनियां पश्चिम बंगाल की हैं। तेजस्वी यादव को जवाब देना चाहिए कि इन कंपनियों के साथ उनके किस तरह के रिश्ते हैं। क्या इसी वजह से वे अक्सर पश्चिम बंगाल आते जाते हैं।
जेडीयू ने आरजेडी को चंदा देने वाली कंपनियों की एक लिस्ट को सार्वजनिक किया है। नीतीश की सवाल उठते हुए कहा कि इसमें से एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड नाम की कंपनी ने आरजेडी को 35 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसका मुनाफा महज 13.87 करोड़ ही था।
नीरज ने कहा कि इन सब बातों से बिहार में शराबबंदी कानून को खत्म करने की बू आ रही है। मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी के इन मंसूबों को समय रहते भांप लिया था और लालू-तेजस्वी का साथ छोड़कर सही कदम उठाया।
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