Hindi Newsबिहार न्यूज़solar eclipse 2020 Amazing sight visible in sky on Khandgrass solar eclipse astrology said 500 years later such coincidence

खंडग्रास सूर्यग्रहण पर आसमान में दिखा अद्भुत नजारा, ज्योतिष बोले- 500 साल बाद बना ऐसा संयोग

इस वर्ष के पहले सूर्यग्रहण पर रविवार को आसमान में अद्भुत व अलौकिक नजारा दिखा। विज्ञान केंद्रों और घरों में लोगों ने खास प्रकार के चश्मे से इन खगौलीय नजारों को देखा। सनातन धर्मावलंबियों ने इस मौके पर...

खंडग्रास सूर्यग्रहण पर आसमान में दिखा अद्भुत नजारा, ज्योतिष बोले- 500 साल बाद बना ऐसा संयोग
Malay Ojha पटना, हिन्दुस्तान टीम, Sun, 21 June 2020 03:34 PM
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इस वर्ष के पहले सूर्यग्रहण पर रविवार को आसमान में अद्भुत व अलौकिक नजारा दिखा। विज्ञान केंद्रों और घरों में लोगों ने खास प्रकार के चश्मे से इन खगौलीय नजारों को देखा। सनातन धर्मावलंबियों ने इस मौके पर गंगा स्नान,दान-पुण्य और पूजा-पाठ की। लगभग साढ़े तीन घंटे तक सूर्यग्रहण के दौरान राजधानी की अधिसंख्य सड़कें वीरान दिखीं। सूर्यग्रहण के दौरान कहीं वलयाकार सूर्यग्रहण दिखा तो कहीं खंडग्रास कंकण ग्रहण। कहीं कहीं ग्रहण के दौरान आसमान में सूर्य चमकीले अंगूठी सरीखा दिखा। सदी के दूसरे सबसे बड़े सूर्यग्रहण पर ग्रह-गोचरों के वक्री चाल ने इसे ज्योतिष शास्त्र के लिये अति महत्वपूर्ण बना दिया है। 

पंचांगों के अनुसार रविवार की सुबह10.25 बजे साल के पहले सूर्यग्रहण का स्पर्श शुरू हुआ। हालांकि, इसके पहले से ही आसमान  में सूरज की रौशनी मलीन होने लगी थी। लगभग डेढ़ घंटे बाद ग्रहण अपने चरम पर पहुंचा। दिन में ही रात जैसा दृश्य उपस्थित था। पटनावासी घरों की छतों से खास चश्मे की मदद से इस खगौलीय घटना को निहारते दिखे। ज्योतिषियों की मानें तो धरती पर ऐसे नजारे कम ही देखने को मिलते हैं। उनके मुताबिक पटना में खंडग्रास सूर्यग्रहण दिखा। चंद्रमा की छाया ने ग्रहण के मध्यकाल में सूर्य को लगभग 78 फीसद हिस्सा ढंक लिया, जिससे आसमान में कुछ देरी तक एकदम अंधेरा सा छा गया। दोपहर करीब 2.02 बजे जाकर खंडग्रास सूर्यग्रहण ने मोक्ष की स्थिति को पाया।                                solar eclips

इस दौरान सनातन धर्मावलंबी  सूर्यग्रहण को लेकर सभी तरह की धार्मिक मान्यताओं का पालन करते दिखे। दोपहर दो बजे के बाद श्रद्धालु गंगा स्नान करने पटना के गंगा घाटों पर पहुंचने लगे। गांधीघाट, कृष्णा घाट, लॉ कॉलेज घाट, दीघा, कुर्जी सहित विभिन्न घाटों पर अच्छी तादाद में श्रद्धालु स्नान करते दिखे। लोगों ने कहा कि हम सभी भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि यह ग्रहण किसी पर भारी न पड़े। इसके अलावा कोरोना जैसी महामारी भी इस ग्रहण के बाद जल्द से जल्द खत्म हो। गंगास्नान के बाद गरीबों और ब्राह्मणों में दान पुण्य भी किया गया। वहीं महती तादाद में श्रद्धालुओं ने घरों में ही गंगा मिश्रित जल से स्नान व पूजा पाठ की।                                solar eclips

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500 साल बाद बना ऐसा संयोग
सूर्यग्रहण के दौरान ग्रह-गोचरों की वक्री चाल को लेकर ज्योतिषाचार्य प्रियेंदू प्रियदर्शी ने पंचांगों के आधार पर बताया कि  ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग पिछले 500 सालों में नहीं बना। ग्रहण मृगशिरा, आर्द्रा नक्षत्र और मिथुन राशि में लगा। ज्योतिषी पीके युग ने बताया कि रविवार को ग्रहण लगने का कारण इस सूर्यग्रहण को ज्योतिषशास्त्र में चूड़मणि सूर्यग्रहण कहा जा रहा है। उनके मुताबिक सूर्यग्रहण के समय एक साथ छह ग्रह बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहू व केतु वक्री रहने के कारण यह ग्रहण आर्थिक मंदी की ओर इशारा कर रहा है। वहीं, ग्रहण के समय मंगल जलतत्व की राशि में बैठकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु पर दृष्टि कर रहा है। यह सब भारी बारिश की ओर संकेत दे रहा है। 

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