Hindi Newsबिहार न्यूज़Scamster former Vice Chancellor of Magadh University surrendered High Court and Supreme Court also did not give relief

कलंक कथाः मगध यूनिवर्सिटी के घोटालेबाज पूर्व कुलपति ने किया सरेंडर, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट नें भी राहत नहीं दी

राजेन्द्र प्रसाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं। उनके गोरखपुर घर पर एसवीयू की टीम ने छापेमारी की थी। घोटाला की जांच कर रही टीम को करोड़ो रुपए की चल-अचल संपति का पता चला है।

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, पटनाThu, 9 Feb 2023 06:48 AM
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बिहार के मगध विश्वविद्यालय में हुए करोड़ो के घोटाले में निगरानी के विशेष न्यायाधीश मनीष द्विवेदी की अदालत में बुधवार को पूर्व कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने सरेंडर कर दिया। विशेष न्यायाधीश ने राजेन्द्र प्रसाद को न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया। मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी  राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी था। पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद उन्होंने विशेष अदालत में सरेंडर किया। 

राजेन्द्र प्रसाद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं। उनके गोरखपुर घर पर एसवीयू की टीम ने छापेमारी की थी। घोटाला की जांच कर रही टीम को करोड़ो रुपए की चल-अचल संपति का पता चला है। छापामारी में 90 लाख रुपए नगद, विदेशी मुद्रा समेत लाखों के जेवरात और जमीन-जायदाद के ढेरों कागजात बराद हुए थे। घोटाले के इस मामले में एसवीयू की टीम ने मगध विश्वविद्यालय के चार अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया था।

30 करोड़ का घोटाला

पूर्व कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पर विश्वविद्यालय के कुलपति रहते 30 करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितता करने का आरोप है। इसके अलावा ओएमआर शीट की खरीदारी और ई लाइब्रेरी समेत दूसरे मदों के लिए किए भुगतान, मगध विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्त गार्डों को भुगतान, खरीद का ऑर्डर देने और बगैर जांच पड़ताल के राशि भुगतान करने का आरोप है। एसवीयू की टीम ने मगध विश्वविद्यालय में हुए करोड़ों के घोटाला मामले में केस दर्ज करने के बाद 17 नवंबर को उनके तीन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी।

ये सब अभियुक्त बने

16 नवंबर को एसवीयू ने जो एफआईआर दर्ज की थी उसमें मगध विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति राजेन्द्र प्रसाद को इस घोटाले का मुख्य आरोपित बनाया है। इस मामले में तब के रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा, प्रॉक्टर जयनंदन प्रसाद सिंह, पुस्तकालय प्रभारी विनोद कुमार और कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के निजी सचिव सुबोध कुमार भी अभियुक्त हैं। 

लम्बी छुट्टी पर चले गए थे कुलपति

17 नवंबर को एसवीयू द्वारा उनके परिसरों पर छापेमारी के कुछ दिनों बाद वीसी लम्बी छुट्टी पर चले गए थे। हालांकि बाद में उन्हें पद से हटा भी दिया गया था।

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