पटना के नालों को अब चमकाएंगे रोबोट; सैदपुर से होगी शुरूआत, जानिए कितना खर्चा आएगा?
पटना के नालों और मैनहोल की सफाई अब सफाईकर्मी नहीं बल्कि रोबोट करेगा। जिसमें सक्कर मशीन, जेटिंग मशीन, उच्च दबाव वाली क्लीनर मशीन होंगी। जिसका सोमवार को प्रजेंटेशन होगा।
पटना में अब तक नालों और मैनहोल की सफाई के लिए सक्कर मशीन, जेटिंग मशीन, उच्च दबाव वाली क्लीनर मशीन तथा ड्राई क्लीनिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब रोबोट से इसकी सफाई होगी। सैदपुर नाला का डिजाइन भी इसी प्रकार से किया जा रहा है कि इसकी नियमित सफाई रोबोट की जा सके। नाले का सुरक्षा दीवार, गहराई, ढलान और रैंप भी उसी के मुताबिक बनाया जा रहा है। शहर का यह पहला नाला होगा, जो रोबोट सफाई के मद्देनजर बनाया जा रहा है। सोमवार को नगर विकास एवं आवास विभाग में इस विषय पर वरीय अधिकारियों की बैठक होनी है, जिसमें प्रेंजेटेशन होना है।
बुडको के अधिकारियों का कहना है कि सैदपुर नाले में तीन रैंप बनाए जाएंगे, जिसके जरीये रोबोट नाले के नीचे उतरेगा। नाले की गहराई साढ़े तीन मीटर तक होगी। रोबोट पूरी तक आटोमेटिक संचालित होगा। नाले में काम करते समय रोबोट की मॉनिटरिंग ऊपर से मॉनिटर के माध्यम से की जाएगी। इसमें चार कैमरे लगे रहते हैं जिसके जरीये तकनीकी कर्मचारी देख सकते हैं कि नाले के नीचे क्या है। यदि कहीं ब्लॉकेज रहेगा, तो रोबोट में लगे कटर उसे हटा देंगे। इसके अलावा इसमें चार लेग भी रहेगा जिस पर रोबोट खड़ा होकर नाले की सफाई करेगा। नाला से कचरा निकालने के लिए जगह जगह पर मैनहोल बनाया जाएगा। रोबोट कचरे की सफाई कर मैनहोल के पास रख देगा, जिसे दूसरी मशीन के जरीये बाहर निकाला जाएगा।
मुंबई महानगर पालिका, मेरठ, कानपुर, कोलकाता, इंदौर आदि शहरों में मैनहोल की सफाई रोबोट से की जा रही है। हालांकि मेरठ के नालों की सफाई रोबोट से करने के लिए ट्रायल किया गया है। देश के कई अन्य बड़े शहरों में नई तकनीक से मैनहोल और नालों की सफाई करने की योजना है। बुडको और नगर विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों का कहना है रोबोट से नालों की सफाई की व्यवस्था निजी एजेंसी को देने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सोमवार को इस विषय पर विभाग में वरीय अधिकारियों की बैठक होनी है। कार्ययोजना का प्रेजेंटेशन होना है। इसके बाद अगली पहल शुरू होगी। रोबोट का रख रखाव एवं सैदपुर नाले की नियमित सफाई की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को देने की योजना है।
इसके पीछे अधिकारियों का तर्क है कि नगर निगम और बुडको में हाल के वर्षों में जो मशीनें खरीद कर आई हैं उसके रखरखाव और संचालन में तकनीकी कर्मचारियों की कमी होने से परेशानी होने लगी है। अक्सर शिकायत रहती है कि ओपेन नाले को ढंककर जब सड़क बनाई जाती है तो नाले के गैस निकलने के लिए पाइप नहीं लगाया जाता है जिससे भविष्य में खतरा बना रहता है। इसीलिए सैदपुर नाला से गैस निकलने के लिए वेंट पाइप लगाया जाएगा जो स्ट्रीट लाइट के पास रहेगा