बिहार में भ्रष्टाचार के पुराने मामलों में भी चलेगा मुकदमा, विधानसभा से बिल पास
भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी व्यक्ति पर की गई अन्य कोई भी कार्रवाई इसी विधेयक के दायरे में आएगी। लोकायुक्त चयन समिति में अब पूर्व जीवित अध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे।
बिहार में अब भ्रष्टाचार के पुराने मामलों में भी मुकदमा चलेगा। नीतीश सरकार ने भ्रष्टाचार पर मजबूती से नकेल कसने के लिए बिहार विशेष न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022 पेश किय, जिसे विधानसभा ने बुधवार को पारित कर दिया। इसमें केंद्र की तर्ज पर बदलाव किया गया है। इस बदलाव से भ्रष्ट लोगों का बचना ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।
बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2009 (बिहार अधिनियम 5, 2010) में एक नई धारा को जोड़ा गया है। इसमें नई धारा 27 को समाहित किया गया है। इसके अनुसार, भ्रष्टाचार निवारण विधेयक के अंतर्गत की गई कोई भी कार्रवाई इसी विधेयक के दायरे में आएगी। भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी व्यक्ति पर की गई अन्य कोई भी कार्रवाई इसी विधेयक के दायरे में आएगी। लोकायुक्त चयन समिति में अब पूर्व जीवित अध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे। इस संशोधन को पारित कर दिया गया है।
अन्य किसी गैर-कानूनी गतिविधि के सामने आने पर भी इसी विधेयक के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह विधेयक 2009 से भी मौजूद सभी मामलों पर लागू होगा। केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में इस तरह का संशोधन जुलाई 2018 में ही कर दिया था। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने भी इस कानून में यह बदलाव किया है।