Hindi Newsबिहार न्यूज़Only 5 percent people consider voting as duty shocking revelations in the Election Commission survey What is KAP

महज 5 फीसदी लोग वोटिंग को फर्ज मानते, चुनाव आयोग के सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे; क्या है KAP?

केएपी सर्वे 2023 के कई नतीजे रोचक हैं। मसलन, वोट डालने वाले 41 फीसदी मतदाता मानते हैं कि वे राजनीतिक दल के प्रति प्रतिबद्धता के कारण वोट डालते हैं।1.9 फीसदी मतदाता भय या दबाव में वोट डालने जाते हैं।

Sudhir Kumar कुंदन कुमार, मुजफ्फरपुरSat, 3 Feb 2024 11:30 AM
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चुनाव आयोग द्वारा बिहार में पिछले चुनाव के बाद मतदाताओं की जानकारी और उनके व्यवहार को लेकर कराए गए केएपी (नॉलेज, एटीट्यूड एंड प्रैक्टिस) सर्वे 2023 के नतीजे आ गए हैं। चुनाव आयोग द्वारा 243 विधानसभा के चार-चार बूथों के 25 हजार मतदाताओं पर किए गए सर्वे बताते हैं कि चुनाव से संबंधित जानकारी के लिए कुल मतदाताओं के लगभग एक चौथाई (22.8 फीसदी) लोग अखबार पर निर्भर हैं। उन्हें अखबार से ही चुनाव और चुनावी प्रक्रिया, प्रत्याशी-समर्थकों व उनकी रीति-नीति के बारे में सही जानकारी मिल पाती है। सर्वे में शामिल कुल मतदाताओं में 38 फीसदी रोज सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं।

केएपी सर्वे 2023 के कई नतीजे रोचक हैं। मसलन, वोट डालने वाले 41 फीसदी मतदाता मानते हैं कि वे राजनीतिक दल के प्रति प्रतिबद्धता के कारण वोट डालते हैं।1.9 फीसदी मतदाता भय या दबाव के कारण जाते हैं। 13 फीसदी लोग परिवार के कहने पर ,27 फीसदी लोग कर्तव्य समझ मतदान करते हैं। अच्छा प्रत्याशी होने के कारण वोट डालने को प्रेरित होने वाले वोटरों की संख्या महज पांच फीसदी है। 3.2 फीसदी लोग जनप्रतिनिधि को सबक सिखाने के इरादे से वोट डालते हैं। रोचक तथ्य यह है कि पिछले चुनाव में जहां भी ज्यादा मतदान दर्ज हुआ वहां पैसे का बोलबाला होना 21 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया है।

वहीं 12 फीसदी लोगों ने माना है कि वोट के लिए अनुकूल माहौल था, इसलिए मतदान को प्रेरित हुए। वहीं 42 फीसदी मतदाता मनपसंद प्रत्याशी के लिए वोट डालने बूथ तक गये। यह महत्वूपर्ण है कि सर्वे में शामिल 50.2 फीसदी लोगों ने कहा है कि वे प्रत्याशी को व्यक्तिगत तौर पर जानते थे, इसलिए मतदान किया, जबकि 7.6 फीसदी लोगों ने अनुभव के आधार पर वोट करना स्वीकार किया है। 20 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने ईमानदार प्रत्याशी की अपेक्षा करते हुए वोट डाला तो 11 फीसदी वोटिंग से पहले ही किसी से वोट देने का वादा कर चुके थे।

जानें क्या है केएपी सर्वे

चुनाव आयोग वोटरों को मतदान के लिए उत्साहित करने और स्वच्छ, मतदान के उद्देश्य से 2023 में हुए इस सर्वे में बिहार के सभी 243 विधानसभा के चार-चार बूथों के मतदाताओं को शामिल किया गया। व दो सबसे कम वोटिंग प्रतिशत सबसे कम था। 25985 वोटरों से बात की गई। उनमें 22.4 फीसदी छात्र, 8.4 फीसदी बेरोजगार युवा, 4.2 फीसदी सरकारी कर्मी, 2.7 फीसदी निजी नौकरीपेशा, पांच फीसदी स्वरोजगार, 4.3 फीसदी मजदूर व किसान, 41 फीसदी घर निर्माता और अन्य वर्ग के 11 फीसदी मतदाताओं को शामिल किया गया।
 

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