एक-दो कमरों में नर्सिंग होम, नर्स करती हैं OPD; बिहार के मुजफ्फरपुर में ऐसे चलते हैं प्राइवेट हॉस्पिटल
जिला स्वास्थ्य विभाग में सिर्फ 250 नर्सिंग होम रजिस्टर्ड हैं, जबकि शहर से लेकर गांव तक हजारों नर्सिंग होम चल रहे हैं। सीएस इसे लेकर काफी गंभीर हैं और प्रखंड स्तर पर जांच कराने की तैयारी में हैं।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चल रहे कई नर्सिंग होम की जांच में चिंताजनक स्थिति सामने आई है। एक-दो कमरे में ये नर्सिंग होम चल रहे हैं और ओपीडी नर्स संचालित कर रही हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए एक जांच टीम बनाई है, जिसने कई नर्सिंग होम की जांच कर रिपोर्ट भी दी है। इसमें बताया गया है कि नर्सिंग होम बेतरतीब बनाये गये हैं। मरीजों के लिए बिना रैंप का इंतजाम किए दूसरी मंजिल पर वार्ड बना दिये गये हैं।
जिला स्वास्थ्य विभाग में सिर्फ 250 नर्सिंग होम रजिस्टर्ड हैं, जबकि शहर से लेकर गांव तक हजारों नर्सिंग होम चल रहे हैं। सीएस डॉ. कुमार ने शहरी क्षेत्र के सभी पीएचसी प्रभारियों को अपने-अपने इलाके में चलने वाले नर्सिंग होम की जांच करने का आदेश दिया है। शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी चलने वाले नर्सिंग होम की जांच की जायेगी। सूत्रों के अनुसार, अभी जिन नर्सिंग होम की जांच रिपोर्ट आ रही है, उनमें बहुत सारे गैर निबंधित हैं। सभी नर्सिंग होम के लाइसेंस की भी जांच की जा रही है।
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छोड़ देने को आ रहे सिफारिशी फोन
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि नर्सिंग होम को कार्रवाई से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों को कई सिफारिशी फोन भी आ रहे हैं। फोन कर जांच की जद में आये नर्सिंग होम को छोड़ देने को कहा जा रहा है, लेकिन जांच में ये नर्सिंग होम फेल कर जा रहे हैं।
निरीक्षण में नर्सिंग होम में नहीं मिले डॉक्टर
स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम के निरीक्षण में कई निजी नर्सिंग होम में डॉक्टर नहीं थे। ओपीडी से आईपीडी तक मरीजों को देखने वाला कोई नहीं था। कई जगह ओपीडी अलग और आईपीडी अलग भवनों में चल रहे थे। ओटी के साथ आईसीयू जुड़ा हुआ नहीं था। मानक के अनुसार नर्सिंग होम का निर्माण नहीं किया गया था। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने कहा है कि सभी जांच रिपोर्ट आने के बाद ऐसे नर्सिंग होम पर कार्रवाई की जायेगी, जो मानक पर खरे नहीं उतर रहे हैं।
उनके संचालकों पर कार्रवाई होगी और अवैध तथा अमानक नर्सिंग होम को सील भी किया जाएगा।
तय मानकों का अनुपालन नहीं
● जांच में चिंताजनक स्थिति आई सामने, होगी कार्रवाई
● बेतरतीब तरीके से बनाये गए हैं नर्सिंग होम
● दूसरी मंजिल पर बिना रैंप के बना दिये वार्ड
● नर्सिंग होम के लाइसेंस की भी की जा रही जांच
पैथोलॉजी सेंटर और अल्ट्रासाउंड केंद्रों की भी होगी जांच
नर्सिंग होम के साथ जिले में चलने वाले पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड केंद्रों की भी जांच होगी। इसके लिए भी सीएस ने जांच टीम बनाई है। पैथोलॉजी सेंटर में देखा जायेगा कि वहां खून की जांच कौन कर रहा है। केमिकल है या नहीं। इसके अलावा अल्ट्रासाउंड केंद्र की जांच के लिए भी टीम जल्द अभियान चलाने वाली है। जहां-जहां टीम जायेगी, उसकी सूची भी तैयार कर ली गई है।