नीतीश सरकार ने बिहार के सभी जिलों में चरणवार मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में उक्त जिलों में तैयारी तेजी से चल रही है। इससे एक तरफ राज्य में मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ेंगी, वहीं लोगों को इलाज की बेहतर सुविधा प्राप्त होगी।
पटना के एक अस्पताल में नर्स ने नजराना की ऐसी जिद पकड़ी कि डॉक्टर के कहने के बाद भी नवजात को स्पेशल केयर यूनिट में भर्ती कराने के बदले पैसे के लिए बहस करती रही। समय पर इलाज नहीं मिलने से बच्चे की मौत हो गई।
-फोटो-52: पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में गर्भवती महिला और नवजात शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग बिहार द्वारा
तीन महीने के अंदर राज्य में 27,375 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया जाएगा। जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं का चयन ग्राम सभा के माध्यम से होगा, जिसके कार्यान्वयन का जिम्मा स्थानीय मुखिया को दिया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा दक्षिण बिहार में भी एक होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने की प्रकिया भी तेज कर दी गई है। 35 हजार 383 पदों पर नई नियुक्तियों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि हेल्थ डिपार्टमेंट में जिन नए पदों पर बहालियों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए गए हैं, उनके अलावा हाल के दिनों में निकाली गयी रिक्तियों को मिलाकर कुल 35,383 पदों पर नई बहाली की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
कालाहनू ऑटोमोबाइल्स ने राधिका एक्सप्रेस सर्विसेज को टाटा मोटर्स के 45 इलेक्ट्रिक वाहनों का वितरण किया। यह संगठन बिहार के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क दवाइयों की...
बिहार के स्वास्थ्य विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है। 334 डॉक्टरों का तबादला किया गया है। जिसमें तीन जिलों के सर्जन भी शामिल हैं। डॉ. राजकुमार चौधरी को किशनगंज, डॉ. दीपक कुमार को शिवहर एवं डॉ. विनोद कुमार चौधरी को नवादा का मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी बनाया है।
सिविल सर्जन ने कहा है कि दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं जीएनएम राधिका कुमारी को निलंबन व चयनमुक्त करने के लिए निदेशक प्रमुख नर्सिंग को पत्र भेजा गया है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार से स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
ईओयू की ओर से जारी प्रेस बयान के मुताबिक, रविभूषण की गिरफ्तारी उसके एक अन्य सहयोगी शशिरंजन उर्फ हैप्पी के साथ पटना के भागवत नगर इलाके से की गयी। इनके पास तीन मोबाइल भी बरामद हुए। इसी भागवत नगर मुहल्ले के एक फ्लैट में सीएचओ की ऑनलाइन परीक्षा की धांधली की साजिश रची गयी थी।