Hindi Newsबिहार न्यूज़Now KK Pathak action against students names of more than two thousand were struck off in Darbhanga Punishment for which crime

अब छात्रों के खिलाफ केके पाठक का एक्शन, दरभंगा में दो हजार से ज्यादा के नाम काटे गए; किस जुर्म की सजा?

कक्षा एक से आठ तक के 2283 छात्र-छात्राओं का नाम हटा दिया गया है। जो छात्र-छात्राएं 15 दिनों से अधिक अपनी कक्षा से अनुपस्थित रहते हैं उनका नाम विद्यालय की नामांकन पंजी से हटा दिया जाएगा।

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, दरभंगाWed, 13 Sep 2023 02:19 PM
share Share

शिक्षा विभाग बिहार के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का डंडा शिक्षकों के बाद छात्रों पर चल रहा है। उनके निर्देश पर दरभंगा जिले के विभिन्न प्रखंडों से 11 सितंबर तक प्रारंभिक विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के 2283 छात्र-छात्राओं का नाम हटा दिया गया है। डीईओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर निर्देश जारी किया जा चुका था कि जो छात्र-छात्राएं 15 दिनों से अधिक अपनी कक्षा से अनुपस्थित रहते हैं उनका नाम विद्यालय की नामांकन पंजी से हटा दिया जाए। इसी तर्ज पर पूरे बिहार में कार्रवाई की जाएगी।

दरभंगा डीईओ समर बहादुर सिंह ने बताया कि यह कार्यवाही विभागीय निर्देश के आलोक में की गई है और अभी यह निरंतर जारी रहेगी। हालांकि दूसरी ओर निरीक्षण करने वाले सभी अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे विद्यालय में निरीक्षण के दौरान तीन दिनों से अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को बुलाकर उनके बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करें। उस क्षेत्र में विद्यालय की ओर से जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। शिक्षक-शिक्षिकाएं अपने पोषक क्षेत्र में अभिभावकों को इस बात के लिए प्रेरित करें कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें।

तीन दिनों से अधिक समय तक अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को विद्यालय की ओर से पहले नोटिस भेजा जा रहा है। इसके बावजूद अगर इन अभिभावकों के बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं तो  लगातार 15 दिनों तक अनुपस्थित रहने पर उनके बच्चों का नाम संबंधित कक्षा की नामांकन पंजी से हटाना शुरू कर दिया गया है। कार्यक्रम अधिकारी सह नगर बीईओ की ओर से भी इस बाबत स्कूलों से प्रतिवेदन मांगा जा रहा है।

बताते चलें कि केके पाठक ने बिहार के सरकारी स्कूलों में व्यवस्था ठीक करने का अभियान चला रखा है। पहले चरण में शिक्षकों की उपस्थिति और निर्धारित समय तक स्कूलों में रहकर छात्रों को पढ़ाने का अभियान चला। इस दौरान कई शिक्षकों पर कार्रवाई भी की गई। नीरिक्षण में पता चला कि अधिकांश स्कूलों में छात्र छात्रों की उपस्थिति पचास प्रतिशत भी नहीं होती। उसके बाद बच्चों की उपस्थिति 75 प्रतिशत करने के लक्ष्य से कार्य किया जा रहा है। 
 

अगला लेखऐप पर पढ़ें