सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं चलेगा रेफर का खेल, विभाग लेगा एक्शन; OPD का भी टारगेट सेट
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा में सिविल सर्जन, डीपीएम सहित संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य के लिए लगातार निगरानी करनी है। बिना इलाज से रेफर करने पर कार्रवाई की जाएगी।
बिहार के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों का ओपीडी में इलाज किए बिना ही शहर के बड़े अस्पतालों में रेफर करने पर कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य विभाग ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (यूपीएचसी) पर प्रत्येक माह ओपीडी में न्यूनतम तीन हजार मरीजों के इलाज का लक्ष्य दिया है। इसे पूरा कराने की जिम्मेदारी संबंधित जिलों के सिविल सर्जन को दी गई है। हर माह ओपीडी का डाटा एचएमआईएस पोर्टल पर समय से दर्ज कराने के लिए कहा गया है। मंगल पांडे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं।
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा में सिविल सर्जन, डीपीएम सहित संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य के लिए लगातार निगरानी करनी है। सभी जिलों के सिविल सर्जन को शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी, एएनएम, एसएन, फार्मासिस्ट, एलटी, यूएचएए और डीईओ के कार्य की नियमित समीक्षा होगी। कार्य में लापरवाही और लक्ष्य पूरा नहीं करने वाले कर्मियों पर कार्रवाई होगी।
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इसलिए लिया फैसला कई बार शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों की जांच नहीं कर शहर के बड़े अस्पतालों में रेफर करने की शिकायत मिलती है। इलाज के लिए आने वाले मरीजों का आपीडी में निर्धारित मापदंड के अनुसार इलाज करने के लिए कहा गया है। जरूरत के अनुसार ही यहां से मरीज को बड़े अस्पातालों में रेफर करना है। शहरी स्वास्थ्य केंद्रों का वार्डवार मैपिंग करने के लिए कहा गया है, ताकि यूपीएचसी के संबंधित क्षेत्र में आने वाले सभी वार्ड उस वार्ड का स्वास्थ्य सूचकांक आदि की मैपिंग हो। हरी प्राथमिक स्वासथ्य केंद्रों पर निर्धारित लक्ष्य के अनुसार आशा कार्यकर्ता का चयन एक माह के अंदर निश्चित रूप से पूर्ण कराने का लक्ष्य दिया गया है। यूपीएचसी पर आवश्यक दवा सूची (ईडीएल) के अनुसार 180 दवाओं की उपलब्धता के साथ ही 63 प्रकार की पैथोलॉजी जांच भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। सभी यूपीएचसी का कायाकल्प और एनक्यूएएस (राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक) के लिए आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा गया है।
महिला आरोग्य समिति का गठन 15 जुलाई तक
महिला आरोग्य समिति (एमएएस) का गठन भी 15 जुलाई तक कर लेना है। डीपीएम, डीएएम और डीयूएचसी को जिम्मेदारी दी गई है कि सभी शहरी स्वास्थ्य स्वास्थ्य केंद्र पर जन आरोग्य समिति का बैंक खाता 15 जुलाई तक खुलवा कर रिपोर्ट देना है।