नीतीश कुर्सी छोड़ें और दलित या मुसलमान सीएम बनाएं, जातीय गणना रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता की मांग
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि जातीय गणना के आधार पर सर्वाधिक संख्या दलित और मुसलमानों की है। इसलिए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर किसी दलित या मुसलमान को सीएम बनाना चाहिए।
बिहार में जाति गणना की रिपोर्ट आने के बाद किसी दलित या मुसलमान को मुख्यमंत्री बनाने की मांग तेज हो गई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने भी यह मांग कर दी है। इससे राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि जातीय गणना के आधार पर बिहार में दलित और मुसलमानों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में नीतीश कुमार को पद छोड़कर किसी दलित या मुस्लिम नेता को सीएम की कुर्सी सौंप देनी चाहिए।
आचार्य प्रमोद कृष्णन ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर जाति गणना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जातीय गणना के आधार पर बिहार में सर्वाधिक संख्या दलित और मुसलमानों की है। इसलिए अब नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी किसी दलित या मुसलमान को सौंप कर “जितनी जिसकी संख्या भारी-उतनी उसकी हिस्सेदारी” के नारे को सार्थक करते हुए बाबा साहब आंबेडकर के सपने को साकार कर देना चाहिए। क्योंकि 20 फीसदी दलित और 18 फीसदी मुस्लिम के होते हुए सिर्फ 3 फीसदी वाली जाति का CM होना तो बेईमानी है।
बता दें कि जाति गणना रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस के एक और नेता ने नीतीश से तीन नए डिप्टी सीएम बनाने की मांग कर दी। बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को "जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी" के नारे एवं "परोपकार अपने घर से ही शुरू होता है" की कहावत को चरितार्थ करना चाहिए। इसके लिए उन्हें अपने मंत्रिमंडल में एक-एक मुस्लिम,अतिपिछड़ा एवं अनुसूचित जाति के नेता को डिप्टी सीएम बनाना चाहिए।
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