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नीतीश सरकार में पहली बार मंत्री बने बीजेपी के ये 6 नेता, जानिए नाम और प्रोफाइल

बिहार में नीतीश कैबिनेट का शुक्रवार शाम को विस्तार किया गया। कुल 21 नए मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें से 6 नेता पहली बार मंत्री बने हैं। ये सभी बीजेपी से हैं।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तान, पटनाFri, 15 March 2024 07:33 PM
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बिहार में नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो गया है। बीजेपी से 6 नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इसमें सुरेंद्र मेहता, केदार गुप्ता, हरि सहनी, दिलीप जायसवाल, संतोष सिंह और कृष्णनंदन पासवान का नाम शामिल है। भले ही ये पहली बार बिहार सरकार में मंत्री बने हैं लेकिन सभी पार्टी के पुराने नेता हैं। पटना स्थित राजभवन में शुक्रवार शाम को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी से 12 और जेडीयू से 9 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। बिहार मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या बढ़कर अब कुल 30 हो गई है। जेडीयू से सभी पुराने चेहरों को ही मंत्री बनाया गया है।

सुरेंद्र मेहता कुर्मी चेहरा, सीपीआई से शुरू की थी राजनीति
सुरेंद्र मेहता बेगूसराय जिले के बछवाड़ा से बीजेपी के विधायक हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत लेफ्ट पार्टी सीपीआई से की थी, वे जिला पार्षद रहे। इसके बाद बीजेपी में आकर 2010 में बेगूसराय सीट से विधानसभा का चुनाव जीता। 2015 में वे कांग्रेस की अमिता भूषण से चुनाव हार गए। 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें बछवाड़ा से टिकट दिया। हालांकि, यहां उन्हें सीपीआई के अवधेश राय से कड़ी टक्कर मिली। सुरेंद्र मेहता महज 484 वोटों के अंतर से जीत दर्ज कर पाने में सफल रहे। सुरेंद्र कुर्मी जाति से आते हैं।

तीन बार मुखिया रह चुके हैं केदार गुप्ता, उपचुनाव में मिली थी जीत
नीतीश सरकार में मंत्री बनाए गए केदार प्रसाद गुप्ता मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी से बीजेपी के विधायक हैं। वह मूल रूप से गोबरसही के रहने वाले हैं। उन्होंने जनता दल से राजनीति की शुरुआत की थी। वे तीन बार मझौली खेतल पंचायत के मुखिया रह चुके हैं। 2015 में पहली बार कुढ़नी से विधायक बने। 2020 का विधानसभा चुनाव हार गए। 2022 में जब कुढ़नी से आरजेडी विधायक अनिल सहनी की सदस्यता चली गई तो, उपचुनाव में केदार गुप्ता फिर से जीतकर विधानसभा पहुंचे। 

तीन बार के विधायक हैं कृष्णनंदन पासवान
कृष्णनंदन पासवान पूर्वी चंपारण जिले की हरिसिद्धी विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक हैं। वे पहले दो बार भी विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। वे पहली बार 2005 में पूर्वी चंपारण की पिपरा सीट से विधायक बने थे। 2010 में बीजेपी ने उन्हें हरिसिद्धी से टिकट दिया और उन्होंने पार्टी का परचम लहराया। हालांकि, 2015 में उन्हें हरिसिद्धि से आरजेडी उम्मीदवार राजेंद्र कुमार के हाथों हार झेलनी पड़ी। 2020 के चुनाव में वे वापस हरिसिद्धि से विधायक चुने गए। 

अमित शाह के करीबी हैं दिलीप जायसवाल
नीतीश सरकार में पहली बार मंत्री बनाए गए दिलीप कुमार जायसवाल किशनगंज के रहने वाले हैं। वह सीमांचल में बीजेपी के बड़े नेता माने जाते हैं। दिलीप जायसवाल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी नेता माना जाता है। वे अमीर नेताओं में से एक हैं। इससे पहले वे नीतीश सरकार में उपमुख्य सचेतक और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, मंत्रिपरिषद में उनकी पहली बार एंट्री हुई है। 

विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं हरि सहनी
नीतीश सरकार में मंत्री बने बीजेपी एमएलसी हरि सहनी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वे मूलरूप से दरभंगा जिले के बहादुरपुर के रहने वाले हैं। वह मल्लाह समुदाय से आते हैं। उन्होंने शुरुआत में शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। फिर 2011 में जिला परिषद का चुनाव लड़कर जीते। वे जिला परिषद के अध्यक्ष रहे। बीजेपी ने उन्हें दरभंगा का जिलाध्यक्ष भी बनाया। 2015 के विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। 2022 में वे एमएलसी चुने गए। इसके बाद वे विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बने।

एमएलसी संतोष सिंह पहली बार मंत्री बने
संतोष कुमार सिंह बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। 2022 में वह एमएलसी का चुनाव जीते थे। वह रोहतास और कैमूर का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें पहली बार मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है।

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