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NEET Paper Leak: इन परीक्षाओं के पेपर लीक कर चुका है नीट सॉल्वर गैंग, जानें गिरोह का मोडस ऑपरेंडी

नीतीश, अमित आनंद और अखिलेश ने बीपीएससी शिक्षक बहाली के लिए संजीव मुखिया और उसके बेटे डॉ. शिव के गिरोह से संपर्क साध कर प्रश्न-पत्र प्राप्त किया था। नीट में अतुल और अंशुल सिंह के करीबी चिंटू सक्रिए थे।

Sudhir Kumar कौशिक रंजन, पटनाSun, 23 June 2024 02:34 AM
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NEET-UG EXAM 2024: नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की अबतक की जांच में यह जानकारी सामने आई है कि नीट के पहले भी गैंग ने बिहार की दूसरी परीक्षाओं में सेटिंग करवाई थी। इसमें सिपाही भर्ती, शिक्षक भर्ती के अलावा कुछ अन्य परीक्षाएं शामिल हैं। ईओयू ने अबतक 16 से अधिक चेक, 6 पासबुक और 5 से अधिक एटीएम कार्ड बरामद किए। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के कुछ स्लिप भी मिले हैं। इनकी तफ्तीश में 10 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। साथ ही बरामद करीब तीन दर्जन एडमिट कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, अंक पत्र समेत कई प्रमाण पत्र भी मिले हैं।

पांच मई को आयोजित नीट में पेपर लीक होने की जानकारी मिलने के बाद पटना पुलिस और ईओयू की टीम ने पटना के एजी कॉलोनी, बेली रोड और राजवंशी नगर मोड़ में कई आरोपितों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें नीतीश कुमार, अमित आनंद, अखिलेश कुमार, सिकंदर समेत अन्य के ठिकाने शामिल हैं। यहां से जो दस्तावेज और चेक मिले, उनके बारे में ईओयू का मानना है कि ये अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों से लिए गए थे। कुछ सिक्योरिटी मनी, तो कुछ एडवांस के तौर पर लिए गए चेक हैं। सेटिंग के अधिकांश लेनदेन कैश में ही हुए हैं। इस वजह से जांच एजेंसी को यह पता करने में खासा समस्या आ रही है कि कितनी राशि सेटिंग के इस पूरे खेल में शामिल है। सिपाही, शिक्षक भर्ती और नीट लीक की जांच कर रही ईओयू इन गिरोहों का लिंक तलाशने में जुटी है।

अब तक की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि भर्ती परीक्षाओं के तंत्र में घुसपैठ में दो स्तरों पर गिरोह सक्रिय हैं। परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करने वाला मुख्य माफिया या सेटर गिरोह अलग-अलग है। लेकिन दूसरे स्तर पर अभ्यर्थी खोजने, पैसा डील करने और तय होने के बाद विद्यार्थियों को फायदा पहुंचाने के मामले में सक्रिय गिरोहों के तार आपस में जुड़े हुए हैं। ऐसी आशंका है कि नीतीश, अमित आनंद और अखिलेश ने बीपीएससी शिक्षक बहाली के लिए संजीव मुखिया और उसके बेटे डॉ. शिव के गिरोह से संपर्क साध कर प्रश्न-पत्र प्राप्त किया था। वहीं, नीट का प्रश्न-पत्र प्राप्त करने के लिए उसने अतुल वत्स और अंशुल सिंह के करीबी चिंटू समेत अन्य का सहारा लिया।

ईओयू को सिपाही बहाली के दस्तावेज भी मिले

आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को नीट पेपर लीक मामले के अलावा अन्य परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों के भी दस्तावेज या चेक या पासबुक मिले हैं। ये अभ्यर्थी संबंधित परीक्षा में सफल हुए या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। नीट के अलावा विधान परिषद नियुक्ति व सिपाही बर्थी समेत कई अन्य परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के भी दस्तावेज बरामद हुए हैं।

मुजफ्फरपुर में रहता था अतुल

नीट पेपर लीक मामले में अतुल वत्स का नाम चर्चा में है। वह जहानाबाद के घोसी थाना अंतर्गत बंधुगंज गांव का रहने वाला है। कहा जाता है कि छह - सात साल की उम्र में ही उसका बंधुगंज (जहानाबाद) से नाता टूट गया था और वह अपने पिता अरुण केसरी के साथ मुजफ्फरपुर में रहता था। मामला उजागर होने पर अतुल के परिजनों ने इस बात की पुष्टि की है। इधर अतुल वत्स के चाचा मुरारी शर्मा, चचेरा भाई गौरी शंकर शर्मा और गांव के कुछ पड़ोसियों का कहना है कि अतुल संभवत वर्ष 1989 के बाद बंधुगंज से चला गया। उसके बाद वह यहां नहीं आया।

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