मनीष कश्यप की मुश्किलें और बढ़ीं, EOU की चार्जशीट दायर; यूट्यूबर पर कौन-कौन सी धाराएं लगीं?
आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप समेत 4 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमें राकेश रंजन कुमार सिंह और आदित्य कुमार चौरसिया भी शामिल हैं। आर्थिक अपराध इकाई ने तीनों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया
तमिलनाडु कथित हिंसा मामले में बिहार के चर्चित यूट्यूब पर मनीष कश्यप की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं। आर्थिक अपराध इकाई, EOU ने मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार के खिलाफ फर्जी वीडियो बनाने और उन्हें प्रसारित कर लोगों को गुमराह करने और भ्रम फैलाने के आरोप में चार्जशीट दायर किया है।
इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप समेत 4 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमें राकेश रंजन कुमार सिंह और आदित्य कुमार चौरसिया भी शामिल हैं। आर्थिक अपराध इकाई ने तीनों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया है।
जानकारी के मुताबिक मनीष कश्यप और उनके साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153 (ए) (बी), 505 (ए) (बी) 153 (ए) (ए), 501 (1)सी, 467, 468, 472, 120 (बी), 201 एवं आईटी एक्ट 2000 की धारा 66, 66(डी) के तहत दर्ज कांड को सत्य करार देते हुए चार्ज शीट किया है। इस कांड में एक अभियुक्त अनिल कुमार यादव अभी फरार है। आर्थिक अपराध इकाई उसकी गिरफ्तारी के लिए करवाई कर रही है। मनीष कश्यप पर इओयू में 3 और मामले दर्ज है। उनमें अभी तक आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है।
आर्थिक अपराध इकाई ने अपने जांच के क्रम में पाया कि तमिलनाडु में कथित हिंसा से संबंधित फर्जी वीडियो बनाए गए और उसे यूट्यूब चैनल समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 6 मार्च 2023 को अपलोड किया गया था। इस वीडियो में दिख रहे दो बिहारी मजदूरों का स्क्रीनशॉट लेकर मनीष कश्यप ने अपने टि्वटर हैंडल और भी पोस्ट किया था किसके साथ अन्य लोगों के ट्विटर से भी मनीष कश्यप ने टैग किया था।
बताया गया है कि पटना के जक्कनपुर में रहने वाले गोपालगंज के राकेश सिंह ने वीडियो बनाया और मनीष कश्यप की मदद की। यह वीडियो 6 मार्च को बनाया गया था और उसी दिन इसे सोशल मीडिया पर अपलोड भी किया गया था। इस काम के लिए आरोपी ने अनिल कुमार यादव और आदित्य कुमार चौरसिया को बुलाकर सहयोग लिया था। इसके लिए दोनों को पैसे भी दिए गए थे। इन दोनों ने कलाकार के तौर पर मजदूरों की भूमिका निभाई थी और घायल होने की बात बताई थी। इस तरह से फेक वीडियो तैयार कर प्रसारित किया गया। जांच एजेंसी ने उस मेडिकल शॉप को भी चिन्हित कर लिया है जहां से इन लोगों ने फर्जी जख्म तैयार करने के लिए मेडिकल बैंडेज और कॉटन और बेटाडिन समेत कई दवाएं खरीदी थी। तमाम वीडियो राकेश कुमार सिंह के मोबाइल से बनाए गए थे।
बाद में राकेश ने मनीष को यह वीडियो उपलब्ध कराया था और मनीष ने उस का स्क्रीनशॉट अपने चैनल सच तक न्यूज़ पर प्रसारित किया। इसके अलावा उसने अपने फेसबुक और अपने ट्विटर अकाउंट पर भी इस मेटेरियल को दिखाया और इसे बड़े बड़े लोगों को टैग कर दिया।
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया है कि इस मामले की गहनता के साथ छानबीन की गई और सारे तथ्यों पर विचार करते हुए इनके खिलाफ चार्जशीट तैयार किया गया है। जिसे स्पेशल विजिलेंस कोर्ट में समर्पित कर दिया गया है। बहुत जल्द ही अन्य तीन मामलों में मनीष कश्यप के खिलाफ़ आरोप पत्र दायर करेगी।