एक बार सांसद, दो बार MLA रहीं लवली आनंद ने 2005 के बाद नहीं जीता कोई चुनाव, 'भाभीजी' फिर मैदान में
बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी को बिहार में लोग भाभीजी कहकर भी बुलाते हैं। वह शिवहर से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। इससे पहले वह एक बार सांसद और दो बार विधायक रह चुकी हैं।
बिहार पीपुल्स पार्टी के संस्थापक और पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद शिवहर सीट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। वैशाली से सांसद रह चुकीं लवली आनंद पहले दो बार विधायक भी रही हैं। भाजपा सांसद रमा देवी की यह सीट एनडीए में जेडीयू के खाते में जाने के बाद लवली यहां चुनावी समर में उतरी हैं। उन्होंने कई चुनाव में हार और विपरीत परिस्थितियों में भी बिहार की राजनीति में अपनी पहचान को मजबूती से बनाए रखा है। हालांकि, 2005 के बाद से वह कोई भी चुनाव नहीं जीत पाई हैं।
लवली आनंद ने 1994 में सियासत में बड़ी जीत के साथ कदम रखा था। तब वह वैशाली लोकसभा उपचुनाव में बिहार पीपुल्स पार्टी से चुनावी मैदान में उतरीं और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की पत्नी किशोरी सिन्हा को हराया। गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड में साल 2007 में पति आनंद मोहन के आजीवन कारावास की सजा के तहत जेल जाने के बाद उनके सामने कड़ी चुनौती थी। पर, उन्होंने साहस और सहजता से न सिर्फ परिवार तथा बच्चों को संभाला, बल्कि राज्य की राजनीति में पकड़ बनाए रखी। अब 2024 के लोकसभा चुनाव में लवली का मुकाबला आरजेडी की युवा नैत्री रितु जायसवाल से है।
दो विधानसभा चुनाव जीतीं लवली आनंद
आनंद मोहन की पत्नी 1996 में नबीनगर विधानसभा सीट से समता पार्टी के टिकट पर उपचुनाव में विधायक बनीं। इसके बाद साल 2005 के फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में बाढ़ सीट से जीत दर्ज की। हालांकि, बिहार की राजनीति में ऐसी स्थिति बनी कि 2005 के नवंबर में फिर चुनाव हुआ। इस तरह आठ महीने ही उनका कार्यकाल रहा। इसके बाद से लवली आनंद लोकसभा और विधानसभा का कोई भी चुनाव नहीं जीत पाईं। उन्होंने आरजेडी के टिकट पर पिछला लोकसभा चुनाव सहरसा से लड़ा था। आम चुनाव की घोषणा के कुछ ही समय पहले उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ली है।
विभिन्न पार्टियों के टिकट पर लड़ा चुनाव
2009 के चुनाव में लवली शिवहर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ीं। 2014 के चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर उतरीं। इन दोनों में ही उनकी हार हुई। 2000 में एनडीए के घटक दल के रूप में बिहार पीपुल्स पार्टी के टिकट पर लवली आनंद सहरसा विधानसभा सीट पर लड़ी थीं।
स्वतंत्रता सेनानी की बेटी हैं लवली आनंद
बाहुबली आनंद मोहन ने 13 मार्च 1991 को लवली सिंह से शादी की। लवली स्वतंत्रता सेनानी माणिक प्रसाद सिंह की बेटी हैं। शादी के तीन साल बाद 1994 में लवली आनंद का राजनीति में पर्दापण वैशाली लोकसभा सीट पर उपचुनाव से हुआ। बिहार में लवली आनंद को लोग भाभीजी कहकर बुलाते हैं और उनकी रैलियों में भारी भीड़ इकट्ठा होती है।