माय-बाप नहीं ससुराल की पार्टी है लालू-तेजस्वी की RJD, आनंद मोहन ने बताया; मतलब भी समझाया
कहा है कि राजद माय बाप की पार्टी नहीं रही बल्कि ससुराल की बन गयी है। आनंद मोहन ने इसका मतलब भी लोगों को मंच से बता दिया। पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने आनंद मोदन का बयान का तीखा जवाब दिया है।
लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के बारे में कहा जाता है कि यह माय समीकरण पर आधारित पार्टी है। राजनीतिक गलियारे में माय का मतलब बताया जाता है मुसलमान और यादव। पिछले दिनों जन विश्वास यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि राजद सिर्फ माय ही नहीं बल्कि बाप की भी पार्टी है। तेजस्वी के इस बयान पर सियासत तेज है। बाहुबली नेता और पूर्व सांसद नहीं इसमें नया अध्याय जोड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि राजद माय बाप की नहीं रही बल्कि ससुराल की पार्टी बन गयी है। पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने आनंद मोदन का बयान का तीखा जवाब दिया है।
समस्तीपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे आनंद मोहन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आरजेडी माई बाप से पहले ससुराल की पार्टी थी और आज फिर से ससुराल की ही पार्टी है। लेकिन इसका मतलब बदल गया है। आनंद मोहन ने कहा कि पहले ससुराल का मतलब था
स से साधु
सु से सुभाष
रा से राबड़ी और
ल से लालू।
दरअसल एक समय ऐसा था बिहार में जब लालू यादव के साले साधु यादव और सुभाष यादव की जबरदस्त चलती थी। बिहार के लोग साधु यादव के समय को याद करके आज भी सहम जाते हैं।
आनंद मोहन ने कहा कि तेजस्वी यादव के जमाने में अब ससुराल तो है लेकिन अर्थ नया हो गया है। अब ससुराल का मतलब है-
स से संजय
सु से सुनील
रा से राजश्री और
ल से लफुअन।
तेजस्वी ने अपने भाषण में BAAP समीकरण का मतलब इस प्रकार समझाया था-
B से बहुजन
A से अगड़े
A से आधी आबादी यानी महिला और
P से पूअर यानी गरीब।
तेजस्वी के बयान पर पहले से राजनीति जारी है। बीजेपी नेताओं ने कहा था कि आरजेडी माई बाप की पार्टी सच में है। माई मतलब राबड़ी देवी और बाप मतलब लालू यादव। यानी सिर्फ सिर्फ एक परिवार की पार्टी। जीतनराम मांझी ने कहा था कि कुछ दिनों में राजद बहन बहनोई और भाई भौजाई की पार्टी बन जाएगी।