जेडीयू सांसद सुनील पिंटू बोले- मैं दूसरी टीम का बोरो प्लेयर, जाति गणना में गड़बड़ी के आरोप पर कायम
उन्होंने कहा कि मैं कहीं से बोरो बुलाया गया था। मैं वहां से ना छोड़ कर आया हूं और ना यहां से छोड़ कर जा रहा हूं। मैं बीजेपी में विधायक था और मंत्री भी रहा। मुख्यमंत्री जी ने मुझे बात करके बुलाया है।
सीतामढ़ी से जेडीयू सांसद ने बताया कि पूरी जाति गणना की रिपोर्ट पर मेरा सवाल नहीं है। लेकिन, हमारे समाज की आबादी का जो आंकड़ा पेश किया गया है वह सही नहीं है। और मैंने इसी पर सवाल उठाया है। अगर हमारे समाज की गिनती सही नहीं हुई है तो यह सवाल उठाना गलत बात नहीं है। और ऐसा करने पर कहीं और से गाइड होने का आरोप लगाना सही बात नहीं है। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने उन पर बाहर से गाइड होने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में सुनील कुमार पिंटू ने कहा के ऐसा होता तो विपक्ष की तरह पूरी गणना रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करता।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और फोन पर हमारे समाज के लोगों का मैसेज आना शुरू हुआ। कहा गया कि गिनती करने वाले हमारे घर पर नहीं आए। उसके बाद समाज का नेता होने के नाते हमने कहा कि पहले मिलकर बात कर लेते हैं। इसी बात पर हमने सम्मेलन बुलाया और कहा कि जो बात निकलेगी उससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अवगत कराएंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं कहीं से बोरो बुलाया गया था। मैं वहां से ना छोड़ कर आया हूं और ना यहां से छोड़ कर जा रहा हूं। मैं बीजेपी में विधायक था और मंत्री भी रहा। मुख्यमंत्री जी ने मुझे बात करके बुलाया है और उनका स्नेह भी मुझे मिलता रहता है। इसी वहज से उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवार को टिकट नहीं देकर मुझे दिया था मैं चुनाव लड़ने से इनकार भी किया था लेकिन नीतीश जी के कहने पर मैदान में उतरा।
जब उनसे पूछा गया की कब तक इस पार्टी में कब तक रहेंगे तो उन्होंने कहा कि जब तक बुलाने वाले या भेजने वाले दोनों में से किसी का फोन नहीं आए। उन्होंने दावे के साथ का कि अभी मैं जहां हूं, वहीं पर हूं। लेकिन, बुलाने वाले या भेजने वाले की ओर से जब कोई मैसेज आएगा उसके बाद निर्णय लिया जाएगा।
बताते चलें कि सुनील कुमार पिंटु 2019 तक बीजेपी में थे। बीजेपी विधायक के रूप में वह बिहार सरकार के मंत्री भी रहे। लोकसभा चुनाव 2019 में सीतामढ़ी की सीट जेडीयू में चली गयी। उसके बाद उन्हें बीजेपी से जेडीयू में बुलाया गया। उन्होंने जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज की।