Hindustan Special: सिक्किम त्रासदी की बिहार पर मार, कोसी से पूर्वोत्तर राज्य भेजे जाने वाले दूध पर लगा ब्रेक
सिक्किम नहीं जाने वाले दूध का पाउडर बनाने के लिए कॉम्फेड हाजीपुर, कॉम्फेड बिहारशरीफ और मंगलम डेयरी भेजा जाने लगा है। मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि करीब 40 से 60 किलो दूध का पाउडर बन रहा है।
सिक्किम त्रासदी ने कोसी क्षेत्र से पूर्वोत्तर राज्यों को भेजे जाने वाले दूध पर ब्रेक लगा दिया है। बादल फटने के बाद सड़क संपर्क बाधित होने से सुधा दूध के कोसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड सुपौल ने को-ऑपरेटिव डेयरी सिक्किम को दूध भेजना बंद कर दिया है। प्राकृतिक आपदा के बाद कारोबार पर पड़े असर का हवाला देते पूर्वी डेयरी गुवाहाटी ने दूध मंगाना कम कर दिया है।
दरअसल, सुधा दूध के कोसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड सुपौल के द्वारा को-ऑपरेटिव डेयरी सिक्किम को हर तीन दिन पर 22-22 हजार किलो दूध सड़क मार्ग से टैंकर से भेजा जाता था। जीविका सहरसा की कौशिकी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष संदीप कुमार यादव ने कहा कि पूर्वी डेयरी गुवाहाटी को रोज दो टैंकर दूध यानी 48 हजार किलो दूध भेजा जाता था। बाढ़ के बाद गुवाहाटी मात्र 24 हजार किलो दूध ही मंगाया जा रहा है। सुधा दूध के कोसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड सुपौल के एमडी मो. हमीदउद्दीन ने कहा कि सड़क संपर्क बहाल होते ही सिक्किम को दूध आपूर्ति किया जाने लगेगा। फिलहाल बचे हुए दूध का पाउडर बनाया जा रहा है।
पाउडर बनाने के लिए हाजीपुर भेजा जा रहा दूध
सिक्किम नहीं जाने वाले दूध का पाउडर बनाने के लिए कॉम्फेड हाजीपुर, कॉम्फेड बिहारशरीफ और मंगलम डेयरी (यूपी) भेजा जाने लगा है। एमडी ने कहा कि करीब 40 से 60 किलो दूध का पाउडर बन रहा है। कोसी क्षेत्र के दूध को पहली बार यूपी का बाजार मिला है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि श्याम डेयरी प्रयागराज, तो ज्ञान डेयरी लखनऊ को 24-24 हजार किलो दूध भेजा जा रहा है।
पूर्णिया के 4 लोग लापता, किशनगंज के लोग सुरक्षित
पूर्णिया जिले के अमौर प्रखंड क्षेत्र के सिहालो गांव के चार मजदूर सिक्किम में तीन अक्तूबर से बादल फटने के बाद लापता हैं। दूसरी ओर किशनगंज के रहनेवाले लोग सुरक्षित हैं। ठाकुरगंज के कई लोग गंगटोक में काम करते हैं। उनके परिजनों से बताया कि उनसे बात हो रही है।