H3N2 Virus: तेजी से पांव पसार रहा वायरस, ऐसे करें पहचान; निपटने के लिए क्या कर रही बिहार सरकार?
पीएमसीएच के टाटा वार्ड के ऊपर 26 बेड का डेंगू वार्ड है। यह अभी खाली है। पीएमसीएच अधीक्षक डॉ. आईएस ठाकुर ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो इस वार्ड को इंफ्लूएंजा आइसोलेशन वार्ड के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा
एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस तेजी से पावं पसार रहा है। बिहार में इससे निपटने के लिए जिले के सरकारी अस्पतालों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। पटना के सिविल सर्जन डॉ. श्रवण कुमार ने कहा कि सभी प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है। इन्फ्लूएंजा के मरीज में यदि निमोनिया के लक्षण विकसित नहीं होते हैं तो चिंता का कोई कारण नहीं है। पटना सिविल सर्जन ने बताया कि शनिवार को एच3एन2 वायरस से पीड़ित महिला मरीज अब ठीक हो गई है। सरकार ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को इसके प्रभाव को कम करने के लिए अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है। साथ ही, केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भेज कर अनुपालन का निर्देश दिया गया है।
आईजीआईएमएस में इमरजेंसी यूनिट
आईजीआईएमएस के उप निदेशक व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि अस्पताल में तीन बेड की इमरजेंसी यूनिट अलग है। आइसोलेशन वार्ड के तौर पर यह काम करती है। जब गंभीर मरीज आएंगे तो उनको वेंटिलेटर पर रखा जा सकता है।
पीएमसीएच में डेंगू वार्ड बनेगा आइसोलेशन वार्ड
पीएमसीएच के टाटा वार्ड के ऊपर 26 बेड का डेंगू वार्ड है। यह अभी खाली है। पीएमसीएच अधीक्षक डॉ. आईएस ठाकुर ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो इस वार्ड को इंफ्लूएंजा आइसोलेशन वार्ड के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
एनएमसीएच में इन्फ्लुएंजा समेत अन्य मौसमी बीमारी की चपेट में आए मरीजों का लक्षण के आधार पर इलाज किया जा रहा है। डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि वृद्ध व बच्चों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
एम्स में है जांच की सुविधा
इन्फ्लूएंजा वायरस को लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना में जांच की सुविधा उपलब्ध है। एम्स पटना के अस्पताल अधीक्षक डॉ.सीएम सिंह ने कहा कि अस्पताल में इन्फ्लूएंजा जांच की व्यवस्था है। जिसे बीमारी होने का शक है उसे जांच कराना चाहिए। अधीक्षक ने कहा कि अभी तक अस्पताल में जांच के दौरान इन्फ्लूएंजा एच3एन2 का कोई मरीज नहीं मिला है।
कोरोना से मिलते जुलते हैं लक्षण
स्वास्थ्य सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि एच3एन2 वायरस के लक्षण कोरोना की तरह ही हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए जाने वाले उपाय लोगों से करने के लिए कहा गया है। बुखार व खांसी होने पर उनको अलग रहने व मास्क पहनने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है कि बिहार में कोरोना से बचाव के उपाय से जुड़ी गतिविधियों में तेजी लाई जाए। सर्दी, खांसी, बुखार व शरीर में दर्द की शिकायत पर मरीजों की कोरोना जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट आने तक वैसे मरीजों को सावधानी बरतने को कहा जाएगा। रिपोर्ट आते ही संक्रमित मरीजों से कोरोना मरीजों की तरह ही प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा।
जांच और टीकाकरण में तेजी
इस वायरस का प्रभाव अधिक नहीं हो, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एहतियाती कदम उठाए हैं। इसके तहत कोरोना जांच और टीकाकरण अभियान में तेजी लाने का निर्णय लिया गया है। विभाग ने तय किया है कि अधिक से अधिक लोगों को कोरोना का टीका दिलाया जाए ताकि वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सके। चूंकि हाल में होली का त्योहार था और उस दौरान बड़ी संख्या में बाहर से लोग बिहार आए थे, इसलिए स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच पर अधिक द्यान देगा।