मोबाइल स्क्रीनशॉट से अपने ही जाल में फंसे पुलिस वाले, महिला दारोगा समेत 4 जवान गिरफ्तार, जानिए मामला
। इन पर रात्रि गश्ती के दौरान राहगीरों से चेकिंग के नाम पर जबरन वसूली का आरोप लगाया गया है। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल के स्क्रीनशॉट के आधार पर कार्रवाई की गई है। सभी से पूछताछ की जा रही है।
बिहार पुलिस ने भ्रष्टाचार का खिलाफ कार्रवाई में अपने ही विभाग के चार कर्मियों पर एक्शन लिया है। पटना में अवैध वसूली के आरोप में एक महिला दरोगा समेत चार पुलिस वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन पर रात्रि गश्ती के दौरान राहगीरों से चेकिंग के नाम पर जबरन वसूली का आरोप लगाया गया है। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल के स्क्रीनशॉट के आधार पर कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का दावा करते हैं।
मामला बेउर थाना क्षेत्र का है। अवैध वसूली की शिकायत पर गिरफ्तार दारोगा की पहचान पीएसआइ अंजनी कुमारी के रूप में की गई है। उसके साथ साथ हवलदार सिखारी कुमार, होमगार्ड जवान सुबोध कुमार और थाना के निजी चालक वीरेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में एक आरोपित होमगार्ड जवान सुमन कुमार फरार चल रहा है।
आरोप है कि मंगलवार की रात सिपारा पुल के पास कुछ लोगों को गलत तरीके से पकड़ा गया और उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई। पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट भी की। फिर मैनेज करने के लिए 30 हजार रुपये की मांग की गई। एक और युवक को पुलिस टीम ने इसी तरह पकड़कर उससे पैसे की मांग की । पीड़ित ने इसकी शिकायत थाने में कर दी। जांच के बाद शिकायत के सत्य पाए जाने के बाद आरोपियों की गिरफ्तार की कार्रवाई की गयी है।
वरीय अधिकारियों से की गई शिकायत में पीड़ित ने कहा कि दो लोगों 15-15 हजार रुपये की वसूली की गयी। जेब में इतने पैसे नहीं थे आनलाइन ट्रांजेक्शन करने को कहा गया। बचने के लिए उन्होंने पुलिसकर्मियों को ऑनलाइन पैसे दे दिए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया था। पेमेंट का स्क्रीनशॉट भी पीड़ितों ने पुलिस को दिया है।
छानबीन के दौरान यह पता चला कि मंगलवार की रात रात्रि गश्ती में पीएसआई अंजनी कुमारी, हवलदार सिखारी कुमार, गृह रक्षक सुबोध कुमार, गृह रक्षक सुमन और थाना का निजी ड्राइवर धीरेंद्र की ड्यूटी थी जो सिपारा पुल इलाके में तैनात थे। घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज खंगाजा गया तो आरोप की पुष्टि हो गई। रुपये देने के मोबाइल स्क्रीनशॉट और पीड़ितों के बयान के बयान के आधार पर कार्रवाई की गयी है।