बिहार में बिजली दरें एक समान करने की तैयारी, जानिए कब लागू होगी नई व्यवस्था; ग्राहकों को क्या लाभ?
एक स्लैब होने से उपभोक्ताओं को लाभ होगा। मसलन ग्रामीण इलाकों के घरेलू उपभोक्ताओं को एक से 50 यूनिट के बीच बिजली खपत करने पर 2.60 रुपये प्रति यूनिट तो इससे अधिक खपत करने पर तीन रुपये देने पड़ रहे हैं।
बिहार में बिजली दर का स्लैब खत्म होगा। आने वाले दिनों में घरेलू व गैर घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए एक ही स्लैब होगा। यानी, चाहे जितनी भी बिजली का उपभोग करें, बिजली दर एक समान ही होगी। अभी कंपनी अलग-अलग स्लैब के आधार पर बिजली बिल की वसूली करती है। एक समय पांच दर्जन से अधिक स्लैब बने थे, राज्य में पहले चार से अधिक स्लैब हुआ करते थे। एक से 100 यूनिट, 101 से 200, 201 से 300 और 301 यूनिट से अधिक का स्लैब था। लेकिन धीरे-धीरे कंपनी ने इन स्लैबों को समाप्त कर दिया।
कंपनी ने साल-दर-साल इसमें कटौती की और अभी सभी श्रेणियों को मिलाकर बमुश्किल दो दर्जन स्लैब ही हैं। घरेलू उपभोक्ताओं में देखें तो ग्रामीण इलाके में दो स्लैब हैं। पहला स्लैब एक से 50 तो दूसरा 50 यूनिट से अधिक का है। जबकि, शहरी क्षेत्र में भी मात्र दो ही स्लैब हैं। शहरी क्षेत्र में पहला स्लैब एक से 100 यूनिट तो दूसरा स्लैब 100 यूनिट से अधिक है। इसे कम करते हुए मात्र एक ही स्लैब करने की तैयारी चल रही है।
कंपनी के अधिकारियों के अनुसार एक स्लैब करने से पहले बिहार विद्युत विनियामक आयोग से मंजूरी लेनी होगी। कंपनी की ओर से हर साल 15 नवम्बर के पहले याचिका दायर की जाती है जिसमें बिजली दर में वृद्धि सहित अन्य प्रस्ताव भेजे जाते हैं। इस साल नवम्बर में दायर होने वाली याचिका में एक स्लैब का प्रस्ताव भेजा जा सकता है। अगर आयोग की अनुमति मिल गई तो अगले साल एक अप्रैल से लागू होने वाली बिजली दर में एक स्लैब के अनुसार ही लोगों को बिजली बिल देने होंगे।
उपभोक्ताओं को लाभ
● एक स्लैब होने से उपभोक्ताओं को लाभ होगा। मसलन ग्रामीण इलाकों के घरेलू उपभोक्ताओं को एक से 50 यूनिट के बीच बिजली खपत करने पर 2.60 रुपये प्रति यूनिट तो इससे अधिक खपत करने पर तीन रुपए प्रति यूनिट के अनुसार बिजली बिल देना पड़ रहा है।
● शहरी क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को एक से 100 यूनिट के बीच खपत होने पर 4.27 रुपये प्रति यूनिट तो 100 यूनिट से अधिक खपत होने पर 4.36 रुपये प्रति यूनिट देना पड़ रहा है।
● एक समान बिजली दर में अधिकतम बिजली दर से कम राशि उपभोक्ताओं से ली जाएगी। इस तरह उपभोक्ताओं को बिजली खपत में कम पैसे देने पड़ेंगे।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद कई आवश्यक संशोधन हुए हैं जिसका लाभ उपभोक्ताओं को मिल रहा है।