Hindi Newsबिहार न्यूज़Doctor of Nitish kumar Nalanda District Hospital facing Termination for abducting new born child from Government hospital to Private

पैसे के लिए धरती के भगवान ने किया यह घिनौना काम, लटक रही बर्खास्तगी की तलवार

मुख्यमंत्री की नजर मे मामला आ जाने के बाद जांच तेज कर दी गयी है। अपर मुख्य सचिव प्र्त्यय अमृत ने जिलाधाकारी को अपनी देख रेख में जांच कर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया। आरोपी डॉक्टर की नौकरी जा सकती है।

Sudhir Kumar लाइव हिंदुस्तान, नालंदाThu, 25 Jan 2024 11:08 AM
share Share

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के जिला अस्पताल के एक सरकारी डॉक्टर द्वारा आशा और नर्सिंग स्टाफ की मिलीभगत से एक नवजात शिशु को उठाकर अपने निजी क्लिनिक में ले जाना बहुत महंगा पड़ा। आरोपी डॉक्टर की नौकरी पर बन आई है। इस आरोप में आरोपी पर कठोर कार्रवाई चल रही हैा  डॉक्टर के नर्सिंग होम में चार दिन बाद बच्चे की मौत हो गई। इस घटना ने लाचार मरीजों को पैसे के लिए सरकारी अस्पतालों से अपने निजी अस्पताल में डरा बहकाकर ले जाने के घिनौने के खेल का खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के तेवर इस मामले में कड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग इस मामले में कोई नरमी दिखाने के मूड में नहीं है।

यह मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर में आ गया है। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग कड़ाई से जांच कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी प्रत्यय अमृत खुद इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने नालंदा जिलाधिकारी शशांक शुभंकर को अपनी निगरानी में मामले की पूरी जांच करवाने और सही कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इससे आरोपी डॉक्टर की परेशानी बहुत बढ़ गई है। उसकी नौकरी जा सकती है।

इस मामले में अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया है कि दिव्या कुमारी नामक महिला को सिजेरियन ऑपरेशन से वह बच्चा हुआ था। बीमार बच्चे को परिजन खुद से उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाना चाह रहे थे। डॉ अशोक कुमार ने अभी बताया कि हम लोग सामान्य तौर पेशेंट को बेहतर इलाज के लिए भगवान महावीर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में रेफर करते हैं जो नालंदा का सरकारी हॉस्पिटल है। लेकिन अगर कोई दूसरी जगह मरीज को ले जाता है तो उसे रोक भी नहीं सकते हैं।

इस मामले में दिव्या कुमारी के पिता राजेश पासवान ने बताया कि आरोपी डॉक्टर ने उसे निजी नर्सिंग होम में ले जाने के लिए प्रेशर बनाया था। डरा दिया कि अगर यहां रहेगा तो बच्चे की मौत हो सकती है इसलिए मेरे क्लीनिक में ले चलो और कुछ कागजात पर जल्दी जबरदस्ती दस्तखत भी कराए गए। उसमें लिखा था कि मैं अपने नाती को सरकारी अस्पताल से इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल में भेज रहा हूं। राजेश पासवान ने बताया कि जैसे ही हमारा बच्चा सरकारी अस्पताल के सीएनसी में भर्ती कराया गया उसके साथ ही तीन आशा कार्यकर्ता पहुंचीं और प्राइवेट क्लीनिक मे ले जाने के लिए जबरदस्ती करने लगीं।  उनके साथ बच्चे का इलाज कर रहे डॉक्टर ने भी दबाव बनाया था। अब आप ही बताइए की मरता क्या नहीं करता। बच्चे की जान बचाने के लिए हमने उनकी बात मान लिया। पेपर पर साइन कर दिया और वे लोग मेरी इच्छा के बगैर बच्चे को उठाकर प्राइवेट अस्पताल ले गए। राजेश पासवान ने बताया कि सरकारी अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल वालों का एक रैकेट चलता है जो यहां से मरीज को बेहतर सुविधा दिलाने के नाम पर ले जाता है। सीधे सादे लोगों से बदमाशी भी करते हैं।

इस मामले में नालंदा जिला अस्पताल के सीनियर डॉक्टर और अधिकारी ने बताया है कि छानबीन चल रही है। संबंधित डॉक्टर को शो कॉज नोटिस जारी कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा है कि इस घटना में जितने भी लोग संलिप्त हैं, सबके खिलाफ जांच चल रही है।  अस्पताल का सीसीटीवी देखा जा रहा है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई होगी।
 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख