नीतीश कैबिनेट विस्तार से पहले एनडीए में घमासान, उपेंद्र कुशवाहा ने जीतनराम मांझी को दे दी नसीहत
बिहार में नीतीश कैबिनेट के विस्तार को लेकर एनडीए में खींचतान तेज हो गई है। जीतनराम मांझी ने बीजेपी और जेडीयू पर एक और मंत्री बनाने का दबाव बनाया, तो उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें नसीहत दे दी।
बिहार में नई सरकार के गठन के बाद नीतीश कैबिनेट के विस्तार को लेकर एनडीए में घमासान छिड़ गया है। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक एवं पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने अपनी पार्टी से एक और मंत्री बनाने की मांग कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन से उन्हें मुख्यमंत्री पद का ऑफर भी मिल चुका था। अब जेडीयू और बीजेपी की सहयोगी आरएलजेडी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मांझी को नसीहत दे दी है। उन्होंने कहा कि मांझी को इस तरह सार्वजनिक नहीं बोलना चाहिए।
बिहार में बीते रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 8 अन्य मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण की थी। इसी दिन जेडीयू महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल हुए। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम बनाए गए। नीतीश के अलावा बीजेपी-जेडीयू से तीन-तीन और HAM के एक एवं एक निर्दलीय विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली।
हालांकि, अब तक शपथ ले चुके मंत्रियों को विभाग नहीं बांटे गए हैं। कहा जा रहा है कि नीतीश कैबिनेट का विस्तार होने के बाद ही विभागों का बंटवारा होगा। अगले हफ्ते तक मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावना है। दूसरी ओर, मंत्रियों की संख्या और विभागों को लेकर भी एनडीए में खींचतान देखी जा रही है।
जीतनराम मांझी ने अपनी पार्टी के कोटा से एक और मंत्री पद की मांग की है। HAM से पहले ही उनके बेटे संतोष सुमन मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। मांझी ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि नई सरकार में निर्दलीय विधायक को भी मंत्री पद मिला है। मनचाहा विधायक भी मिलने की बात चल रही है। ऐसी परिस्थिति में हमारा दावा मजबूत है। सामाजिक सामंजस्य के लिए भी मगध क्षेत्र में एससी के अलावा एक सर्वण मंत्री बनना चाहिए। सवर्णों में भी कद्दावर नेता हमारे पास मौजूद है।
उन्होंने बीजेपी के शीर्ष नेताओं के सामने भी यह मांग रखी है। मांझी ने कहा कि उन्हें महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद का ऑफर था लेकिन उसे ठुकरा दिया। अगर उन्हें एनडीए की सरकार में एक और मंत्री पद नहीं मिला तो अन्याय होगा।
इसके बाद आरएलजेडी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जीतनराम मांझी को नसीहत दे दी। कुशवाहा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एनडीए में किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। मांझी की जो इच्छा है और जो अंतिम रूप से बात फाइनल होती है, ऐसी बातें सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए। उन्हें सार्वजनिक रूप से ऐसी बयानबाजी करने से बचना चाहिए।
सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि बीजेपी और जेडीयू में भी विभागों के बंटवारे को लेकर अभी तक बात नहीं बन पाई है। बीजेपी नीतीश कुमार का सबसे अहम गृह विभाग अपने पास रखना चाहती है। जबकि बीते लगभग दो दशकों से यह विभाग जेडीयू के पास ही रहा है।