बिहार के 94 लाख गरीब परिवारों को सरकार देगी 2-2 लाख रुपये, नीतीश ने किया ऐलान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के 94 लाख गरीब परिवारों को राज्य सरकार की ओर से 2-2 लाख रुपये दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण बढ़ाने के पक्ष में हैं।
बिहार सरकार अगले पांच वर्षों में गरीब परिवारों पर ढाई लाख करोड़ रुपए खर्च करीगी। इसमें राज्य के 94 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख देने के अलावा जमीन के लिए आवासहीन परिवारों को घर बनाने के लिए 40 हजार रुपए अधिक देने की योजना शामिल है। प्रदेश में 2 करोड़ 76 लाख परिवार हैं। इनमें से 59.13 फीसदी के पास पक्का मकान है जबकि 39 लाख परिवार झोपड़ी में रहते हैं। 63 हजार 850 परिवार आवासहीन हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि हर साल 50-50 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। राज्य सरकार इसकी कार्ययोजना बना रही है। हालांकि उन्होंने इसके लिए केन्द्र से भी मदद मांगी और कहा कि वह यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दे तो बिहार यह काम दो से ढाई वर्षों में ही कर सकता है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि देश में पहली बार जाति आधारित गणना में आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति से अवगत किया गया है। एक-एक जाति, एक-एक इलाके की जानकारी दी गयी है। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट से यह प्रमाणित होता है कि राज्य सरकार के कार्यों का हर क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। खासकर महिला उत्थान में काफी काम हुआ है. महिला साक्षरता में वृद्धि इसे प्रमाणित करते है। वर्ष 2011 में साक्षरता दर 61.8 फीसदी था जो अब 79.70 फीसदी हो गया है। महिला साक्षरता 51.5 फीसदी से बढ़कर 73.91 फीसदी पर पहुंच गया है।
1990 से हमारा प्रयास जारी: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे तो इस पर 1990 से ही काम कर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उन्हें एक घंटा तक इस मुद्दे पर समझाया था। उसके बाद वे अपने नेता मधु लिमये से मिले। वहां पर तत्कालीन वित्त मंत्री मधु दंडवते से भी मुलाकात हुई। सबने सहमति व्यक्त की। तब प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह से बात की गयी। उन्होंने बताया कि जनगणना का काम आगे बढ़ गया है। लिहाजा कुछ नहीं हो सकता। इसके बाद भी मेरा अभियान थमा नहीं।