Hindi Newsबिहार न्यूज़Attention Mangal Pandey Health Minister 3 year old innocent kept yearning for oxygen in SKMCH life saved in private hospital

मंगल पांडे ध्यान दें! SKMCH में ऑक्सीजन के लिए तड़पता रहा 3 साल का मासूम, प्राइवेट में जाने से बची जान

बेड पर एक घंटे तक बच्चा बेसुध पड़ा रहा, लेकिन उसे ऑक्सीजन नहीं लगाया गया। ऑक्सीजन नहीं मिलने से बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तो परिजन उसे मेडिकल कॉलेज से लेकर प्राइवेट नर्सिंग होम में चले गये।

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, मुजफ्फरपुरThu, 4 April 2024 05:35 PM
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उत्तर बिहार के बड़े सरकार अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज, SKMCH में ऑक्सीजन के लिए एक तीन वर्ष का मासूम घंटे भर तड़पता रहा। बच्चे की जान बचाने के लिए परिजन उसे वहां से निजी अस्पताल लेकर चले गये तब उसकी जान बची। इस बीच किसी ने उसके परिजनों की एक गुहार नहीं सुनी। सरैया थाना क्षेत्र के गोपीनाथ डोगरा गांव में बाइक की ठोकर से धर्मेंद्र साह का तीन वर्षीय पुत्र शनि कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया था। काफी विश्वास करके पिता उसे मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में लेकर आए ते।

परिजनों ने बताया कि बच्चा अपने दरवाजे पर खेल रहा था। इस दौरान सड़क की तरफ चला गया, जिससे दूसरी तरह से आ रही बाइक ने उसे ठोकर मार दी। स्थानीय लोग और परिजन उसे लेकर एसकेएमसीएच पहुंचे। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने उसे सिटी स्कैन कराने भेजा। सिटी स्कैन कराने के बाद बच्चे को लाकर जब बेड पर लिटाया गया, तो वहां ऑक्सीजन नहीं चल रहा था।

बेड पर एक घंटे तक बच्चा बेसुध पड़ा रहा, लेकिन उसे ऑक्सीजन नहीं लगाया गया। ऑक्सीजन नहीं मिलने से बच्चे की हालत बिगड़ने लगी तो परिजन उसे मेडिकल कॉलेज से वापस लेकर प्राइवेट नर्सिंग होम में चले गये।

सदर कटी अंगुली वाले मरीज को नहीं किया भर्ती

इधर  जिले के सदर अस्पताल में बुधवार शाम अंगुली कटने वाले एक मरीज को इमरजेंसी में भर्ती करने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद परिजनों ने काफी हंगामा किया। मनिका से आये एक मरीज की अंगुली कट गई थी। वह सदर अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज कराने पहुंचे। उनके साथ परिजन भी थे। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर मरीज को रेफर करने लगे तो परिजन हंगामा करने लगे।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस मामले में एसकेएमसीएच की अधीक्षक डॉ विभा कुमारी ने जांच की बात कही है। उन्होंने कहा है कि घायल बच्चे के इलाज में अस्पताल में क्या दिक्कत हुई, इसके बारे में प्रबंधक से जानकारी ली जा रही है। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही साबित हुई तो कार्रवाई होगी।
 

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