अमित शाह बिहार में जाति गणना के खिलाफ षडयंत्र कर रहे थे, जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह का दावा
जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि अमित शाह दोहरे चरित्र के व्यक्ति हैं। एक तरफ वे कह रहे हैं कि जाति गणना के फैसले में बीजेपी साथ थी। दूसरी ओर वे उसे रोकने के लिए षडयंत्र कर रहे थे।
गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे के बाद जाति गणना का मुद्दा फिर से गर्मा गया है। शाह ने मुजफ्फरपुर रैली में रविवार को नीतीश सरकार की जाति गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाए। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उनपर पलटवार किया है। उन्होंने आरोप लगाए कि अमित शाह ने बिहार में जाति गणना के खिलाफ षडयंत्र किया था। पहले पटना हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट में जातीय गणना के खिलाफ याचिका दायर करवाई।
अमित शाह की मुजफ्फरपुर में हुई रैली के बाद जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने रविवार को पटना स्थित पार्टी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान ललन ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह मुंगेरीलाल का हसीन सपना देख रहे हैं। हकीकत यह है कि 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार में बीजेपी का खाता भी नहीं खुलेगा। शाह ऐसे ही आते हैं, भाषण देके चले जाते हैं, कुछ तथ्य नहीं बोलते हैं।
ललन सिंह ने कहा कि अमित शाह कह रहे थे बीजेपी जातिगत गणना के फैसले के वक्त नीतीश सरकार में शामिल थी। उन्हें यह बताना चाहिए कि बिहार विधानमंडल ने देश भर में जातिगत जनगणना ने दो बार प्रस्ताव पारित किया। जेडीयू के सांसदों ने केंद्र में अपनी बात रखी। सीएम नीतीश सभी दलों के साथ पीएम मोदी से भी मिले। मगर केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया।
जेडीयू अध्यक्ष ने आगे कहा कि अमित शाह दोहरे चरित्र के व्यक्ति हैं। एक तरफ कह रहे हैं कि जाति गणना के फैसले में बीजेपी साथ थी। दूसरी तरफ बिहार में जाति गणना को रोकने के लिए उन्होंने षडयंत्र रचा। पटना हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर करवाई। यहां से खारिज हुई तो सुप्रीम कोर्ट में याचिका डलवाई। शीर्ष अदालत में सोलिसिटर जनरल को कोर्ट में खड़ा कर दिया। वो गृह मंत्रालय के निर्देश पर गए थे। अब कह रहे हैं कि बिहार में हुई जाति गणना की रिपोर्ट गलत है। अगर आंकड़े गलत हैं, तो शाह मुजफ्फरपुर में ऐलान कर देते कि हम देशभर में जाति गणना कराएंगे और बिहार में आंकड़े को गलत साबित कर देंगे।
ललन सिंह ने अमित शाह के जाति गणना रिपोर्ट में अति पिछड़ों की आबादी घटने के दावे को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि शाह फिजूल बात करने बिहार आते हैं। अति पिछड़ों की संख्या घट गई कह रहे हैं, गृह मंत्री को ज्ञान नहीं है। पिछड़ों की संख्या बढ़ गई है। पिछड़ा और अति पिछड़ा मिलाकर 63 फीसदी हो गए हैं।