बिहार के 3 पीएफआई संदिग्धों पर होगी कार्रवाई, गृह मंत्रालय ने भेजी डिटेल
गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी एसपी चौधरी ने बिहार के मुख्य सचिव को PFI के सात संदिग्ध लोगों के नाम, बैंक खाता और पैन नंबर की डिटेल भेजी है।राज्य के गृह विभाग ने राज्य के सभी डीएम को निर्देश दिए हैं।
गृह मंत्रालय ने एफआई के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), 1967 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी एसपी चौधरी ने बिहार के मुख्य सचिव को संलिप्त सात लोगों के नाम, बैंक खाता और पैन नंबर की डिटेल भेजी है। इस डिटेल के आधार पर राज्य के गृह विभाग की विशेष सचिव केएस अनुपम ने राज्य के सभी डीएम को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभाग से भेजी गई सूची में एक अररिया, चार दरभंगा और एक-एक मुंबई-सीतामढ़ी के रहने वाले हैं। इन संदिग्धों का खाता संख्या भी संबंधित जिला में ही है। डीएम को पीएफआई के अन्य सहयोगी संगठनों पर ठोस सख्ती के निर्देश दिए गए हैं।
PFI के संदिग्धों के नाम और बैंक खातों की डिटेल
नाम पैन नंबर खाता संख्या बैंक का नाम
एहसान परवेज CWTPP0853M 50100047528841 HDFC बैंक,अररिया
स्टेट सेक्रेटरी
नुरुद्दीन जंगी AAHPZ8048A 397399136967 SBI, दरभंगा
लीगल हेड,PFI 0069114000919103 HDFC बैंक,दरभंगा
महबूब आलम BAAPA9416A 005510110007970 बैंक ऑफ इंडिया
जिलाध्यक्ष,मिथिलांचल 0772010108046 UBI, सीतामढ़ी
जानिए क्या है यूएपीए ?
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों को रोकना है। भागलपुर के लोक अभियोजक सत्यनारायण प्रसाद साह ने बताया कि इसके तहत पुलिस ऐसे आतंकियों, अपराधियों या संदिग्ध लोगों को चिह्नित करती है जो आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं। आतंकी गतिविधि के लिए लोगों को तैयार करते हैं या फिर ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं। यूएपीए कानून वर्ष 1967 में लाया गया था। तब इसे संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत दी गई बुनियादी आजादी पर तर्कसंगत सीमाएं लगाने के लिए लाया गया था। पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधि संबंधी पोटा और टाडा जैसे कानून तो खत्म कर दिए गए। लेकिन यूएपीए कानून मौजूद है। यह पहले से ज्यादा मजबूत है।