बिहार की 101 बेटियों ने दिखाई दिलेरी तो बदल गए जिंदगी के रास्ते, नंबर 181 का लिया सहारा; जानें क्या है यह नंबर
महिला हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर पर बीते वर्ष अप्रैल से दिसंबर 2022 के बीच 180 बेटियों ने शारीरिक हिंसा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थीं। दो सालों में शिकायत करने वाली बच्चियों की संख्या बढ़ी हैं।
महिला हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 181 की मदद से डेढ़ साल में 101 बेटियों ने बाल विवाह से खुद को बचाया है। अब बेटियां यौन शोषण का भी विरोध कर रही हैं। करीब दो वर्षों के दौरान 57 बेटियों ने यौन शोषण के खिलाफ 181 नंबर पर शिकायत की और उन्हें न्याय भी मिला। बेटियां शारीरिक हिंसा का भी पुरजोर विरोध कर रही हैं और उसके खिलाफ मुखर हो रही हैं।
महिला हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर पर बीते वर्ष अप्रैल से दिसंबर 2022 के बीच 180 बेटियों ने शारीरिक हिंसा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थीं। वहीं अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक 26 बेटियों ने ही शारीरिक हिंसा को लेकर अपनी बात महिला हेल्पलाइन तक पहुंचाई थीं। इस नंबर की जानकारी जैसे-जैसे बेटियों तक पहुंच रही है, वह इसका इस्तेमाल खुद की सुरक्षा और अधिकार के लिए कर रही हैं। तभी दो सालों में शिकायत करने वाली बच्चियों की संख्या बढ़ी हैं।
महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से 181 महिला हेल्पलाइन की शुरुआत की गयी थी। अप्रैल 2021 से दिसंबर 2022 तक की बात करें तो 1,45,636 बेटियों ने इस पर कॉल किया। इसमें अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक 78,268 और अप्रैल 2022 से दिसंबर के बीच 67,367 लड़कियों ने फोन किया है। इसमें 34,305 बेटियों की शिकायत पर राज्य के थानों में महिला विकास निगम की मदद से आपराधिक मामले दर्ज किये गये। इनमें 23,911 मामले 2021 और अप्रैल से दिसंबर 2022 तक 10394 मामले दर्ज हुए।
क्या है 181 नंबर
181 हेल्पलाइन महिला एवं बाल विकास निगम ने जारी किया है। इस पर अगर कोई लड़की-महिला शिकायत करती हैं तो हेल्पलाइन की टीम पुलिस प्रशासन और अन्य संबंधित विभाग के साथ मामले को देखती है। उसका निदान करती हैं। जिस तरह की शिकायत होती हैं, उसी के अनुसार जिला स्तर पर उसका निपटारा किया जाता है।
स्कूल और कॉलेज में दी जा रही जानकारी
महिला विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशिका हरजोत कौर बम्हरा की मानें तो 181 टोल फ्री नंबर पर बेटियां काफी सक्रिय हैं। वह इस नंबर पर अपनी शिकायतें दर्ज करवा रही हैं। वह सशक्त भी हो रही हैं।