बिहार के सभी पंचायतों में खेल क्लब, पोर्टल भी होगा लॉन्च, जानें नीतीश सरकार का प्लान
बिहार की 154 नगर और आठ हजार ग्राम पंचायतों में अलग-अलग खेलों की सुविधाएं बहाल की जाएंगी। स्थानीय स्तर पर खिलाड़ियों की मांग, भौगोलिक परिस्थिति, जमीन की उपलब्धता और महत्ता को देखते हुए तय किया जाएगा कि किस पंचायत में कौन से खेल की सुविधा विशेष रूप से बहाल की जाएंगी।
बिहार में स्पोर्ट्स एक्टिविटी को लेकर नीतीश सरकार गंभीर है। राज्य की सभी नगर और ग्राम पंचायतों में खेल क्लब का गठन सितंबर से शुरू होगा। इसके अंतर्गत एक ओर नए खेल क्लब गठित होंगे, दूसरी ओर पुराने क्लब को भी पंजीकरण कराने की सुविधा सरकार देगी। इसके लिए पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। खेल क्लब के गठन की नियमावली बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा तैयार कर दी गयी है। खेल विभाग ने उसमें कुछ बदलाव के निर्देश दिये हैं, जिसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। खेल क्लबों की देख-रेख में संबंधित गतिविधियां संचालित होंगी।
इस नियमावली के जरिये प्रदेश की 154 नगर और आठ हजार ग्राम पंचायतों में अलग-अलग खेलों की सुविधाएं बहाल की जाएंगी। स्थानीय स्तर पर खिलाड़ियों की मांग, भौगोलिक परिस्थिति, जमीन की उपलब्धता और महत्ता को देखते हुए तय किया जाएगा कि किस पंचायत में कौन से खेल की सुविधा विशेष रूप से बहाल की जाएंगी। खेलों के विकास के लिए राज्य सरकार आवश्यक सामग्रियों के अलावा नकद राशि भी देगी। क्लब गठन के साथ ही पंचायतों में मैदान की सुविधा भी बहाल की जाएगी।
इस संबंध में खेल विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि किसी पंचायत में फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट खेलने वालों की संख्या अधिक होगी, वहां बड़ा खेल का मैदान उपलब्ध कराया जाएगा। खेलने वाले अधिक हैं तथा वहां बड़ा खेल का मैदान उपलब्ध है, वहां पर इस खेल को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसी प्रकार जिन पंचायतों में मैदान छोटे होंगे, वहां बॉलीबॉल, बैडमिंटन आदि खेल की सुविधा विकसित की जाएगी। इंडोर गेम और एथलेटिक्स के लिए भी व्यवस्थाएं की जाएंगी। सुबह और शाम में स्थानीय युवाओं मैदान में जाकर अभ्यास करेंगे और खेलेंगे। पंचायतों में खेल के मैदान के लिए जमीन उपलब्धता की कार्रवाई भी शीघ्र शुरू की जाएगी। इसके तहत पहले उपलब्ध जमीन की तलाश की जाएगी। ये जमीन स्कूल-कॉलेज परिसर, सार्वजनिक स्थल आदि पर हो सकती हैं। वहीं, जहां पर जमीन उपलब्ध नहीं होंगे, उन पंचायतों में सरकार इसका अधिग्रहण भी करेगी।
पिछले एक-दो वर्षों में खेल के विकास को लेकर राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं। इसी क्रम में खेल क्लब के अलावा मेडल लाओ और नौकरी पाओ योजना लागू हुई। इसके तहत एसडीओ और डीएसपी स्तर तक की नौकरी खिलाड़ियों को देने का प्रावधान है। राज्य के खिलाड़ियों को बड़ी संख्या में इसके तहत नौकरी भी मिली। जनवरी, 2024 में खेल का अलग विभाग बना। खेल विश्वविद्यालय का गठन हुआ। अब जाकर खेल अकादमी बनकर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन गुरुवार को मुख्यमंत्री करने वाले हैं। इन प्रयासों से राज्य में खेल का स्तर सुधरेगा।
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