खेल अकादमी, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी; राष्ट्रीय खेल दिवस पर बिहार को नीतीश कुमार की सौगात
मुख्यमंत्री ने खेल अकादमी व बिहार खेल विश्वविद्यालय के लिए राजगीर में स्थान चयन करने का तर्क भी दिया। उन्होंने कहा कि यह स्थल द्वापरकाल से ही दंगलों के लिए भी जाना-पहचाना जाता है।इसी इलाके में पांडव महायोद्धा भीम और मगध के सम्राट जरासंध के बीच दंगल हुआ था।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश को दो बड़े तोहफे दिये। राजगीर में राज्य खेल अकादमी और बिहार खेल विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। यह देश का इकलौता परिसर है, जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के 24 खेलों के आयोजन की व्यवस्था के साथ ही खेल अकादमी और खेल विश्वविद्यालय एक साथ स्थित हैं। यहां देश का दूसरा सबसे बड़ा खेल पुस्तकालय भी होगा। अब यहां सहजता से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैचों का आयोजन कराया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने खेल अकादमी व बिहार खेल विश्वविद्यालय के लिए राजगीर में स्थान चयन करने का तर्क भी दिया। उन्होंने कहा कि यह स्थल द्वापरकाल से ही दंगलों के लिए भी जाना-पहचाना जाता है। खेलों के महादंगल के लिए 90 एकड़ में 750 करोड़ से बना यह परिसर द्वापरकाल में महायोद्धा भीम और मगध सम्राट जरासंध के बीच हुए ऐतिहासिक दंगल स्थल जरासंध के अखाड़ा से महज तीन-चार किलोमीटर दूर है। कार्यक्रम शुरू करने के पहले मुख्यमंत्री ने हॉकी के जादूगर पद्मभूषण मेजर ध्यानचंद की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उद्घाटन के अवसर पर भवन निर्माण व खेल विभागों द्वारा लघु वृतचित्र का प्रदर्शन भी किया गया। इस बीच विभिन्न खेलों के नौ खिलाड़ियों के साथ ही हॉकी टीम को सम्मानित किया गया।
श्रेयसी सिंह समेत 9 खिलाड़ी सम्मानित
जमुई की विधायक श्रेयसी सिंह समेत नौ खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। पेरिस ओलंपिक में सहभागिता के लिए श्रेयसी को 50 लाख, आकाश कुमार को तलवारबाजी में एशियन गेम्स में सहभागिता के लिए 25 लाख रुपये दिए गए।
1. प्रकाश की ऐसी व्यवस्था की गयी है कि डे-नाइट मैच भी हो सकेंगे
2. क्रिकेट स्टेडियम की क्षमता 39 हजार दर्शकों के बैठने की होगी
3. मेन पिच के अलावा अभ्यास पिचों का भी निर्माण किया गया है
4. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए सारा इंतजाम
5. सभी भवन देखने में प्राचीन नालंदा महाविहार की तरह
सीएम ने क्या कहा?
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण भी शीघ्र पूरा करें। राजगीर द्वापरकाल से दंगल के लिए जाना जाता रहा है। यह खेल परिसर महायोद्धा भीम और मगध सम्राट जरासंध के बीच हुए दंगल स्थल से महज तीन-चार किलोमीटर दूर है। -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री