बिहार में अब लोगों की रजिस्ट्री होगी, परिवार को मिलेगा यूनिक नंबर; जानिए क्या होगा फायदा
नीतीश कैबिनेट में बिहार में सोशल रजिस्ट्री योजना लागू करने को मंजूरी दी है। इसके तहत राज्य के सभी लाभुकों को एक मंच पर लाया जाएगा। विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ एक ही जगह से मिलेगा।
बिहार के लोगों की भी अब रजिस्ट्री की जाएगी। नीतीश सरकार पहली बार सोशल रजिस्ट्री योजना लेकर आई है। इस प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई है। इसके तहत बिहार के लोगों का ऑनलाइन पंजीयन किया जाएगा। हर परिवार और उसके सदस्यों का यूनिक नंबर (आईडी) बनेगा। इसी के जरिए उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। इससे सरकार यह ट्रैक कर सकेगी कि कौन-सा व्यक्ति किस योजना का कितना लाभ उठा रहा है। साथ ही नागरिकों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी।
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि आम नागरिकों का परिवार आधारित सोशल रजिस्टर तैयार किया जाएगा। इसके तहत लाभुकों को एक नंबर मिलेगा। इसके माध्यम से ही वे सरकारी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। लोगों को एकीकृत पोर्टल से लोक सेवाओं को प्रदान करने के उद्देश्य से यूनिफाइड सर्विस डिलीवरी प्लेटफार्म बिहार वन तैयार होगा। आम नागरिकों के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं व योजनाओं की पात्रता एक ही डैशबोर्ड पर उपलब्ध रहेगी। बिहार वन पोर्टल के माध्यम से आम नागरिकों को सिंगल साइन ऑन एवं सिंगल विंडो के माध्यम से आवेदन करने में सुविधा होगी।
एसीएस के मुताबिक एक परिवार और उसके हर सदस्य को अलग-अलग आईडी दी जाएगी। इसके बाद छात्रवृत्ति, पेंशन और विभिन्न सब्सिडी सहित सभी सरकारी लाभों को इसके माध्यम से भेजा जाएगा। एक बार परिवार और सदस्य आईडी तैयार हो जाने और सत्यापित हो जाने के बाद योजनाओं का फायदा तेजी से मिलने लगेगा। साथ ही इसमें फर्जीवाड़े एवं दोहराव की गुंजाइश भी कम रहेगी। इससे एक आदमी को एक सरकारी योजना का एक बार ही लाभ मिल सकेगा। क्योंकि उसकी लॉगिन आईडी में सभी योजनाओं की पूरी जानकारी रहेगी।
हर बार जमा नहीं करने पड़ेंगे दस्तावेज
सोशल रजिस्ट्री का आम नागरिकों को भी खासा फायदा होने वाला है। एक बार आईडी बनने के बाद लोग अपने दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर सकेंगे। साथ ही अलग-अलग योजनाओं के लिए आवेदन करने लिए उन्हें बार-बार दस्तावेज नहीं जमा कराने पड़ेंगे। क्योंकि सरकार के पास उस परिवार और व्यक्ति का पूरा डेटाबेस होगा।
बताया जा रहा है कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब इस योजना पर काम में तेजी आएगी। सरकार अगले 6 महीने के भीतर इस योजना की शुरुआत कर सकती है। पहले प्रमुख योजनाओं को इससे जोड़ा जाएगा। बाद में धीरे-धीरे करके सभी विभागों की योजनाएं बिहार वन के अंदर समाहित कर दी जाएंगी।