Hindi Newsबिहार न्यूज़Six and half lakh fake calls 120 thousand became victim cyber fraud spread a lot in bihar

साढ़े छह लाख फर्जी कॉल, 1.20 लाख लोग बने शिकार; बिहार में साइबर फ्रॉड ने खूब छकाया

  • एक साल की बात करें तो बिहार में छह लाख 30 हजार 112 उपभोक्ताओं को फ्रॉड कॉल आयी है। इसमें से एक लाख 20 हजार ठगी के शिकार हुए है। इन उपभोक्ताओं ने 30 हजार से एक लाख रुपए तक की ठगी हुई है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटना, मुख्य संवाददाताSun, 19 Jan 2025 09:58 AM
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धोखाधड़ी वाली कॉल से आए दिन लोग परेशान रहते हैं। लगभग हर मोबाइल सेट पर धोखाधड़ी वाली कॉल आती है। पिछले एक साल की बात करें तो बिहार में छह लाख 30 हजार 112 उपभोक्ताओं को फ्रॉड कॉल आयी है। इसमें से एक लाख 20 हजार ठगी के शिकार हुए है। इन उपभोक्ताओं ने 30 हजार से एक लाख रुपए तक की ठगी हुई है। फ्रॉड कॉल से परेशान उपभोक्ताओं ने जब शिकायत की तो ऐसे मोबाइल नंबर और हैंडसेट को ब्लॉक किया गया है। पिछले एक साल में पांच लाख नौ हजार 685 मोबाइल नंबर को ब्लॉक किया गया है। मालूम हो कि संचार विभाग का एक चक्षु एप संचालित है। इस पर फ्रॉड कॉल की शिकायतें दर्ज की जाती है। शिकायत बाद संबंधित नंबर को ट्रेस किया जाता है। ट्रेस होने के बाद उस नंबर को ब्लॉक कर दिया जाता है। इतना ही नहीं जिस सिम से फोन किया जाता है, अगर वो सिम अलग-अलग हैंडसेट से इस्तेमाल किया जाता है तो ऐसे सभी हैंडसेट को भी ब्लॉक कर दिया जाता है।

चक्षु एप पर हर दिन तीन से चार सौ फ्रॉड कॉल की शिकायत

राज्यभर की बात करें तो चक्षु एप पर हर दिन तीन से चार सौ फ्रॉड कॉल आती हैं। ठगी के शिकारों की संख्या 90 से सौ की होती है। कॉल कभी बैंक के नाम पर तो कभी पुलिस के नाम पर आती है। लोग घबरा कर ओटीपी बता देते हैं या सामने वाले की ओर से पूछी गयी जानकारी दे देते हैं। जब उन्हें ठगी की जानकारी मिलती है, तो उनके खाते से पैसे निकल चुका रहता है।

हर दिन फ्रॉड कॉल की शिकायत आती है। पिछले एक साल में छह लाख से अधिक लोगों को धोखाधड़ी की कॉल आयी है। शिकायत आने के बाद हम लोग उस नंबर को ब्लॉक कर देते हैं। इसके साथ ही संबंधित हैंडसेट को भी बंद कर देते हैं। -सूर्य प्रकाश, उप महानिदेशक, सुरक्षा, टेलीकॉम विभाग

एक हैंडसेट से कई सिम का करते हैं इस्तेमाल

संचार विभाग की मानें तो कई बार एक व्यक्ति के नाम पर कई सिम होते हैं। यह जानकारी मोबाइल नंबर के ट्रेस करने पर पता चलता है। ऐसे में संबंधित व्यक्ति से संपर्क करके उन्हें इसकी जानकारी दी जाती है। इसके बाद व्यक्ति के कहे अनुसार सिम को ब्लॉक किया जाता है। पिछले एक साल में राज्य के 34 हजार लोग ट्रेस हुए जो एक साथ कई सिम का इस्तेमाल कर रहे थे।

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