यूरिया की नहीं है किल्लत फिर भी महंगी बिक रही
सीतामढ़ी में यूरिया की कोई कमी नहीं है, फिर भी किसान इसे 300 रुपए प्रति बैग खरीदने को मजबूर हैं, जबकि सरकार द्वारा तय मूल्य 266.50 रुपए है। होलसेलर और खुदरा विक्रेताओं की मनमानी के कारण किसानों को...
सीतामढ़ी। जिले में यूरिया की किल्लत नहीं है। बावजूद प्रति बैग 33 से 34 रुपए अधिक दाम पर किसानों को खरीदना पड़ रहा है। निर्धारित कीमत 266.50 रुपया है। लेकिन 300 रुपए बोरा से कम में कोई भी दुकानदार देने को तैयार नहीं है। कालाबाजारी करने वाले चांदी काट रहे है और किसानों पर आर्थिक मार पड़ रही है। कृषि विभाग कालाबाजारी पर फुलस्टॉप लगाने की चाहे जितना दावा करें हकीकत यह है कि होलसेलर और खुदरा दुकानदारों की मनमानी हकीमों के आदेश पर भारी पड़ रही है। जिले के 605 दुकानों में यूरिया का 4393.345 एमटी स्टॉक है। रोपनी के 25 दिनों के बाद किसान फसल में यूरिया डालते हैं। इस वजह से अभी सबसे ज्यादा यूरिया की मांग है। मुनाफाखोरों से किसानों को बचाने के लिए उर्वरकों की सरकारी दर तय की गई है। बैग पर मूल्य भी अंकित है। बावजूद तय दाम पर किसानों को खाद नहीं मिल रही है। हद तो यह है कि कई ग्रामीण इलाकों में 310 रुपए तक एक बैग यूरिया की कीमत किसानों को चुकानी पड़ रही है। किसान संतोष कुमार, बिजेंद्र यादव, संजय महतो, विकास पासवान, प्रेम दास, रंजन सिंह, मुकेश सिंह ने बताया कि अभी धान की फसल में खाद डालने का मुख्य समय है। दुकानदार किसानों की लाचारी का फायदा उठा रहे हैं। हालांकि डीएपी, एमओपी, एनपीके व एसएसपी की मांग बहुत कम है।
यह है खाद का खेला : नाम नहीं छापने की शर्त पर कई खुदरा विक्रेता ने बताया कि अधिक कीमत पर यूरिया बिकने के लिए होलसेलर जिम्मेदार है। नियम है कि उर्वरक बनाने वाली कंपनी को खुदरा दुकान तक सरकार द्वारा तय कीमत पर खाद पहुंचानी है। लेकिन थोक दुकानदारों की मनमानी ऐसी है कि 266 रुपए प्रति बैग के हिसाब से रसीद काटते हैं। लेकिन खुदरा दुकानदारों से 270 से 280 रुपए प्रतिभा वसूलते हैं।
यूरिया के साथ दवा लेने की बाध्यता : खुदरा दुकानदारों का जो भी कहता है कि यूरिया उन्हीं को मिलता है जो होलसेलर की शर्तों को मानते हैं। शर्त नहीं मानने वाले को यूरिया नहीं दी जाती है। यूरिया लेने वाले को जाईम, जिंक, सल्फर, कैल्शियम एवं अन्य दवाई लेनी पड़ती है। जबकि जिले के किसान यूरिया को छोड़कर अन्य दवाई नहीं खरीदते हैं।
जिले में यूरिया की कमी नहीं है। अधिक कीमत मांगने जाने की शिकायत किसान विभाग में कर सकते हैं। कलाबाजारियों पर हर हाल में नकेल कसी जाएगी। किसी भी कीमत पर कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ब्रजेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी
प्रखंडवार उपलब्ध यूरिया उर्वरक की मात्रा :
प्रखंड का नाम उपलब्ध यूरिया उर्वरक (मेट्रीक टन में)
बैरगनिया 68.355
बाजपटी 165.33
बथनाहा 619.1
बेलसंड 74.34
बोखरा 128.88
चोरौत 59.775
डुमरा 381.83
मेजरगंज 148.32
नानपुर 289.8
परिहार 483.345
परसौनी 207.855
पुपरी 268.605
रीगा 150.21
रून्नीसैदपुर 456.465
सोनबरसा 497.835
सुप्पी 54.225
सुरसंड 339.075
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