शराबबंदी, सर्वे, स्मार्ट मीटर; नीतीश के लिए आखिरी कील होंगे ये 3 ‘एस’- प्रशांत किशोर का दावा
प्रशांत किशोर ने कहा कि ट्रिपल S यानी - शराबबंदी, सर्वे (जमीन) और स्मार्ट मीटर नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन का आखिरी कील है। उन्होंने कहा, शराबबंदी सिर्फ कागजों में है।
जन सुराज पदयात्रा के संयोजक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार को एक नया राजनैतिक विकल्प देने का दावा कर रहे हैं। गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को अपनी पार्टी लॉंच करने जा रहे हैं। इससे पहले पीके ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फिर बड़ा हमला किया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि ट्रिपल S यानी - शराबबंदी, सर्वे (जमीन) और स्मार्ट मीटर नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन का आखिरी कील है। उन्होंने कहा, शराबबंदी सिर्फ कागजों में है। ज़मीनी हकीकत यह है कि शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया है, लेकिन होम डिलीवरी धड़ल्ले से चल रही है। जन सुराज शुरू से ही शराबबंदी के खिलाफ रहा है और यह मानता है कि इससे आने वाला राजस्व राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगाया जा सकता है। प्रशांत किशोर पहले ही दावा कर चुके हैं कि अगर उनकी सरकार बनी तो एक घंटे में शराबबंदी कानून को वापस ले लेंगे।
जमीन सर्वे के मुद्दे पर प्रशांत किशोर का कहना है यह सर्वे गांवों में झगड़े और संघर्ष की वजह बन रहा है। नीतीश सरकार द्वारा कराया जा रहा जमीन सर्वे अगले छह महीने में हर घर और गांव में झगड़े का कारण बनेगा, और हाल की घटनाओं ने यह साबित भी कर दिया है। अभी सर्वे ठीक से शुरू भी नहीं हुआ है और मीडिया में इसे लेकर झगड़ा झंझट चालू हो गया है। इससे आगे और भी पारिवारों में विद्रोह बढ़ेगा और यह कदम नीतीश कुमार के लिए घातक साबित होगा।
स्मार्ट मीटर से बढ़ रहा बिल
प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि जिन उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर का उपयोग शुरू किया है, वे अब इसके खिलाफ हो गए हैं, क्योंकि उनके बिजली बिल में भारी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा, लोगों के मन में यह धारणा बन गई है कि स्मार्ट मीटर के जरिए उनके बिलों में छेड़छाड़ की जा रही है।
राजद बिहार में लगातार कमजोर हो रहा
प्रशांत किशोर ने राजद पर भी हमला किया। कटाक्ष करते हुए कहा कि 2005 के बाद से आरजेडी में कोई ताकत नहीं बची है। RJD और उनके गठबंधन को पिछले कई चुनावों में सफलता नहीं मिली है। महागठबंधन की एकमात्र जीत भी नीतीश कुमार के चेहरे पर हुई थी, न कि आरजेडी के नाम पर। उन्होंने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और एनडीए ने 176 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बना रखी है, जबकि आरजेडी के पास मात्र 50 सीटों पर प्रभाव है। पीके ने दावा किया कि उनका मुकाबला 176 सीटों वाले एनडीए से है, न कि कमजोर हो चुकी आरजेडी से हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लालू यादव अपने दम पर सिर्फ एक बार चुनाव जीत पाए थे। अब नहीं जीत सकते।