चयनित अभ्यर्थी की जगह फर्जी अभ्यर्थी की हुई बहाली
समस्तीपुर जिले में बीपीएससी से चयनित शिक्षकों की बहाली में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। कई चयनित शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया, जिसके कारण उनकी जगह गलत तरीके से अन्य लोगों को बहाल किया गया। शिक्षा विभाग...
समस्तीपुर, वरीय संवाददाता। जिले में बीपीएससी से चयनित शिक्षकों मेंकी बहाली में गड़बड़ी की आशंका है। जिले के कई प्रखंड में चयनित शिक्षकों के योगदान नहीं करने पर उनकी जगह गलत तरीके से दूसरे को बहाल किया गया है। हालांकि यह आश्चर्य का विषय है कि राज्य सरकार के गहन जांच प्रक्रिया के बाद भी सभी काम कर रहे हैं। लेकिन उन पर कार्रवाई के मामले में शिक्षा विभाग सुस्त है। सूत्रों की माने तो बीपीएससी की परीक्षा पास करने के बबाद कई अभ्यर्थियों ने योगदान नहीं किया था। इसी का लाभ उठा कर यह गड़बड़ी की गयी। चयनित बीपीएससी शिक्षक अभ्यर्थी के योगदान नहीं करने पर उनके रोल नंबर और कैंडिडेट की आईडी पर गलत तरीके से दूसरे की बहाली कर दी गई। जिससे कई चयनित अभ्यर्थी व संदिग्ध शिक्षक का एडमिट कार्ड और ज्वाइनिंग लेटर पर रौल नंबर और कैंडिडेट आईडी एक ही है। चयनित कैंडिडेट के सिग्नेचर की जगह गलत तरीके से बहाल शिक्षकों के एडमिट कार्ड पर सिग्नेचर वाली लगह भी अलग है। फर्जी अभ्यर्थी के फॉर्म के क्यूआर कोड को ब्लर भी कर दिया गया है जिससे अभ्यर्थी की सही जानकारी नहीं मिल पाये। दोनों फार्म के नीचे डीईओ के हस्ताक्षर में भी अंतर है। एक में डीईओ के सील के साथ ब्लू कलर में हस्ताक्षर है जबकि फर्जी में बिना सील के ब्लैक कलर के हस्ताक्षर नजर आ रहे हैं। सूत्रों की माने तो समस्तीपुर जिले में दो से तीन दर्जन वैसे फर्जी शिक्षक मिल सकते हैं जिन्होंने बिना परीक्षा पास किये पैसों के बल पर नौकरी ली है। इतना ही नहीं गलत तरीके से योगदान करने के बाद प्रशिक्षण के लिए बेगूसराय भेजे जाने पर चार शिक्षकों को संदिग्ध बता लौटाने के साथ जिला के शिक्षा विभाग से जांच कर कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी थी, लेकिन अब तक किसयी तरह की जांच नहीं की गयी है। जिससे इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मी की भी मिलीभगत की आश्ंाका है। विदित हो कि टीआरई 2 में समस्तीपुर में 2400 शिक्षकों की बहाली की गई थी। विभाग की माने तो इनमें 95 प्रतिशत अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक जांच पूरी कर ली गई है। कड़ी व सख्ती से हुई जांच के बावजूद चयनित अभ्यर्थी की जगह फर्जी अभ्यर्थियों की बहाली की गई। बायोमेट्रिक थम्ब जांच में भी इस तरह मैनेज किया गया कि मामला सामने नहीं आ पाया। इस मामले में शिक्षा विभाग के स्थापना डीपीओ कुमार सत्यम ने अभिज्ञता जताते हुए कहा कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली है। अब पूरे मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि नवनियुक्त 95 प्रतिशत बीपीएससी शिक्षकों का थम्ब लिया जा चुका है। कुछ शिक्षकों का किसी न किसी कारण अभी भी बाकी है।
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