Hindi Newsबिहार न्यूज़Sakshamta Pariksha passed 36 thousand teachers counseling incomplete no decision yet on second chance

सक्षमता परीक्षा पास 36 हजार शिक्षकों की काउंसिलिंग अधूरी, दूसरे मौके पर अब तक फैसला नहीं

सक्षमता पास करने वाले 36 हजार शिक्षकों की काउंसिलिंग विभिन्न कारणों से अधूरी है। शिक्षा विभाग इन्हें दूसरा मौका देने पर विचार कर रहा है, मगर अभी तक इस पर निर्णय नहीं हो सका है।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, पटनाWed, 2 Oct 2024 06:48 AM
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बिहार में सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करीब 36 हजार शिक्षकों की काउंसिलिंग अधूरी रह गई है। इनमें तीन हजार ऐसे हैं, जो काउंसिलिंग में उपस्थित ही नहीं हुए। वहीं, शेष शिक्षकों की काउंसिलिंग विभिन्न कारणों से अधूरी है। इन छूटे हुए 36 हजार शिक्षकों को फिर से काउंसिलिंग का मौका देना है। इसको लेकर शिक्षा विभाग और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की बैठकें भी हो चुकी हैं, पर कोई निर्णय नहीं हो सका है।

शिक्षा विभाग ने इसको लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को पत्र लिखकर पूछा है कि जिन शिक्षकों के आधार नंबर, नाम अथवा प्रमाणपत्रों में त्रुटि हुई है, उसमें सुधार कैसे किया जा सकता है। विभागीय पदाधिकारी इस संबंध में बताते हैं कि चूकि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पोर्टल पर ही शिक्षकों द्वारा सक्षमता परीक्षा के दौरान अपलोड आधार नंबर, प्रमाणपत्रों से मिलान किया जाना है। मिलान नहीं होने की स्थिति में शिक्षकों की काउंसिलिंग अधूरी रह गई है। ऐसे में समिति ही बताएगी कि आखिर किस माध्यम से उक्त त्रुटियों में सुधार हो सकता है। यही कारण है कि इस संबंध में समिति को पत्र भेजा गया है।

विभाग का फैसला है कि काउंसिलिंग पूरी होने के बाद ही शिक्षकों को नए सिरे से स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा। नए पदस्थापन के साथ ही इन सभी को सरकारी शिक्षक का दर्जा मिलेगा। वहीं, दूसरी ओर इनसे पदस्थापन आदि को लेकर नई नियमावली बनाने की भी तैयारी चल रही है। पर, उस मामले में भी अभी-तक किसी नतीजे पर विभाग नहीं पहुंच सका है। विभाग ने इसको लेकर दो जुलाई को कमिटी भी बनायी थी, जिसकी रिपोर्ट नहीं आ सकी है।

मालूम हो कि राज्य के सभी जिलों में सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण हुए शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया एक अगस्त से 13 सितंबर तक चली। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों की संख्या एक लाख 87 हजार है। इनमें करीब 36 हजार की काउंसिलिंग पूरी नहीं हो सकी है। शिक्षकों ने इसको लेकर विभाग में आवेदन भी दिए हैं कि प्रमाणपत्रों और आधार नंबर-नाम में हुई त्रुटि में सुधार का मौका दिया जाए।

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