जहरीली शराब से 27 लोगों की हत्या, पुलिस और माफियाओं की मिलीभगत; तेजस्वी ने CM पर भी कसा तंज
'कितने भी लोग मारे जाए लेकिन मजाल है किसी वरीय अधिकारी पर कोई कारवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है?'
बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद से हाहाकार मचा हुआ है। सीवान जिले में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है तो वही छपरा में 4 लोग मौत की नींद सो चुके हैं। नशे की घूंट लगाने के बाद से कई लोग अस्पताल में भी भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इस बीच बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरा है। तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा, 'सत्ता संरक्षण में ज़हरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गई है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गई। बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है।
इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते है लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है।
कितने भी लोग मारे जाए लेकिन मजाल है किसी वरीय अधिकारी पर कोई कारवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या CM ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?
बता दें कि शराब कांड के बाद छपरा के मशरक में शराब की आपूर्ति करने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गुरुवार को किया गिरफ्तार। पूरे जिले में चल रही शराब को लेकर छापेमारी। 7 हजार लीटर से अधिक शराब जब्त। शराब के कारोबार में शामिल लोगों को चिन्हित कर पुलिस तैयार कर रही सूची ।