तिरहुत सीट पर NDA में दरार! चिराग की लोजपा (आर) से राकेश रोशन का इस्तीफा, MLC उपचुनाव लड़ने का ऐलान
चिराग पासवान की लोजपा (आर) के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश रोशन ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए तिरहुत से उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वो स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे, साथ ही दावा किया कि उन्हें 28 हजार स्नातकों का समर्थन प्राप्त है।
बिहार में तिरहुत विधान परिषद उपचुनाव को लेकर एनडीए में दरार पड़ती दिख रही है। देवेश चंद्र ठाकुर के सीतामढ़ी से सांसद बनने के बाद ये सीट खाली हुई है। एनडीए कोटे से जेडीयू के खाते में सीट गई है। अभिषेक झा को जदयू ने प्रत्याशी बनाया है। लेकिन इस बीच एनडीए की सहयोगी चिराग पासवान की लोजपा (आर) के प्रदेश उपाध्यक्ष ने राकेश रोशन ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए तिरहुत से उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वो स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे, साथ ही दावा किया कि उन्हें 28 हजार स्नातकों का समर्थन प्राप्त है।
राकेश रोशन के तिरहुत स्नातक उपचुनाव लड़ने के ऐलान को पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हुए नोटिस जारी किया गया था। दो दिन में जवाब देने को कहा गया था। जवाब देने के साथ ही उन्होने पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया। तिरहुत स्नातक उपचुनाव की लड़ाई अब त्रिकोणीय होने वाली है। अब मुकाबला एनडीए, महागठबंधन और निर्दलीय राकेश रोशन के बीच होगा। महागठबंधन की ओर से आरजेडी ने गोपी किशन को प्रत्याशी बनाया है।
राकेश रोशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पिछले कुछ समय महसूस कर रहा था कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार जैसे बुनियादी मुद्दों पर समर्पित और सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। गठबंधन की राजनीति के चलते इन महत्वपूर्ण विषयों पर प्रभावी काम करना संभव नहीं हो पा रहा था। लोजपा (आर) के अन्य नेताओं के जैसे मेरा सपना भी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का है, लेकिन मैं मानता हूं कि इस उद्देश्य को गठबंधन के ढांचे में रहकर पूरा नहीं किया जा सकता। इसी कारण, वर्ष 2020 में हमारी पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़कर अपना वर्चस्व स्थापित किया था।
उन्होने गठबंधन की राजनीति के दुष्परिणामों गिनाते हुए कहा कि इस राह में कई कार्यकर्ताओं और नेताओं का नुकसान हुआ है। रूपौली विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के प्रमुख नेता शंकर सिंह को निर्दलीय चुनाव लड़ने पर मजबूर होना पड़ा और उनकी जीत के बाद उन्हें जेडीयू में शामिल होना पड़ा। गठबंधन ने कई बलि ली है और अभी कई बलि आने वाले चुनाव में ली जाएगी। लेकिन मैं वीर का बेटा हूं, लड़ते लड़ते मरना पसंद करूंगा, ना कि बलि चढ़ूंगा।
आपको बता दें चुनाव आयोग ने तिरहुत निर्वाचन क्षेत्र के उप चुनाव कार्यक्रम की घोषणा भी कर दी है। 5 दिसंबर को वोटिंग होगी। 9 दिसंबर को मतगणना के बाद चुनाव परिणाम जारी कर दिया जाएगा। देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद निर्वाचित होने और एमएलसी के पद से इस्तीफा देने के कारण तिरहुत की सीट खाली हुई है। जिसका कार्यकाल 14 जून 2026 तक रहेगा।