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बांका के DM नंबर वन तो अररिया फिसड्डी, पहली बार हुई जिलाधिकारियों की रैंकिंग; किसे कितने अंक

पश्चिम चंपारण के डीएम दिनेश कुमार राय को 26.03 अंक, नवादा के आशुतोष कुमार वर्मा को 26.61 और नीचे से 5वें स्थान पर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह हैं, जिन्हें सिर्फ 26.92 अंक मिले हैं।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाMon, 14 Oct 2024 05:30 AM
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बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जिला स्तर पर विभाग के स्तर से चलने वाली सभी तरह की योजनाओं एवं कार्यों की समीक्षा कर तमाम जिलों के डीएम की रैंकिंग की है। अररिया जिला फिसड्डी साबित हुआ तो पटना का स्थान नीचे से पांचवें (34वें) पायदान पर रहा। यह पहला मौका है, जब जिलाधिकारियों की रैंकिंग की गई है। उन्हें राजस्व विभाग की सभी प्रमुख योजनाओं की जिला स्तर पर मॉनीटरिंग और उनके सफल क्रियान्वयन को आधार बनाते हुए अंक दिए गए हैं।

आठ बिन्दुओं पर की गई इस समीक्षा में जमीन से संबंधित योजनाओं एवं कार्यों की मॉनीटरिंग तथा क्रियान्वयन में सबसे फिसड्डी जिला अररिया (डीएम-अनिल कुमार) साबित हुआ है। उसे 100 में महज 20.9 अंक मिले हैं। इसके बाद खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में सहरसा (डीएम वैभव चौधरी) को 25.11 अंक मिले हैं। पश्चिम चंपारण के डीएम दिनेश कुमार राय को 26.03 अंक, नवादा के आशुतोष कुमार वर्मा को 26.61 और नीचे से 5वें स्थान पर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह हैं, जिन्हें सिर्फ 26.92 अंक मिले हैं।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग डीएम की इस रैंकिंग को इनकी वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में भी शामिल करने की सिफारिश सरकार से करने जा रहा है, ताकि भूमि संबंधित योजनाओं की जिला स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन को लेकर डीएम के स्तर से पूरी संजीदगी के साथ समुचित मॉनीटरिंग हो सके। वहीं, इस रैंकिंग में पहले स्थान पर बांका के डीएम अंशुल कुमार, दूसरे स्थान पर शेखपुरा के आरिफ अहसान और तीसरे स्थान पर सीवान के मुकुल कुमार गुप्ता रहे हैं। इनमें पहला स्थान पाने वाले बांका डीएम को 100 में 56.80 अंक प्राप्त हुए हैं। शेखपुरा डीएम को 51.33 एवं सीवान को 42.68 अंक मिले हैं। जो डीएम टॉप किए हैं, उन्हें भी कुल अंक का करीब आधा अंक ही प्राप्त हुआ है। शेष सभी जिलों का प्राप्त अंक आधा से कम में है।

30 फीसदी या इससे कम अंक पाने वाले जिले

इस रैंकिंग प्रणाली में 30 फीसदी या इससे कम अंक पाने वाले जिलों और उनके डीएम में अरवल के कुमार गौरव (30.48 अंक), भागलपुर के नवल किशोर चौधरी (30.21 अंक), जमुई की अभिलाषा शर्मा (29.68), लखीसराय के मिथिलेश मिश्रा (29.44), गया के त्यागराजन एसएम (29.29), मधुबनी के अरविंद कुमार वर्मा (29.23), शिवहर के विवेक रंजन मैत्रेय (28.37), खगड़िया के अमित पांडेय (28.31), मधेपुरा के तरनजोत सिंह (28.17), गोपालगंज के मो. मसूद आलम (27.67), कटिहार के मनीष मीणा (27.47), रोहतास के उदिता सिंह (26.99 अंक) प्राप्त हुए हैं।

इन बिन्दुओं को आधार बना की गई समीक्षा

दाखिल-खारिज के निपटारे की समीक्षा, परिमार्जन प्लस, अभियान बसेरा-2, दस्तावेजों की आधार सीडिंग (जोड़ने) की स्थिति, एडीएम कोर्ट की मॉनीटरिंग, डीसीएलआर कोर्ट, ई-मापी और डीएम कोर्ट की स्थिति, ऐसे 8 बिन्दु हैं, जिन्हें जिलाधिकारियों के प्रदर्शन का आधार बनाकर रैंकिंग की गई है। इसमें दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन प्लस के लिए 25-25 फीसदी अंक तय किए गए हैं। यानी 100 में 50 अंक सिर्फ इन्हीं दोनों योजनाओं के लिए रखे गए हैं। अभियान बसेरा-2 के लिए 20 फीसदी, ई-मापी एवं डीएम कोर्ट के लिए 10 फीसदी, आधार सीडिंग के लिए 5 फीसदी और अन्य के लिए अलग अनुपात में अंक रखे गए हैं। इस तरह कुल 100 अंक हैं।

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