रामगढ़ से सुशील कुशवाहा को जन सुराज का टिकट, बसपा से लोकसभा हारे थे प्रशांत किशोर के कैंडिडेट
बिहार की रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने सुशील कुशवाहा को टिकट दिया है। वे बक्सर से बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।
बिहार की चार विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने एक और कैंडिडेट की घोषणा कर दी है। पीके की पार्टी ने कैमूर जिले की रामगढ़ सीट से सुशील कुशवाहा को टिकट दिया है। जन सुराज पार्टी में आने से पहले वे मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रदेश महासचिव रह चुके हैं। उन्होंने बसपा के टिकट पर बक्सर लोकसभा सीट से 2019 में चुनाव भी लड़ा था। 80 हजार वोट पाकर वे तीसरे नंबर पर रहे थे। सुशील कुशवाहा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
जन सुराज पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती ने मंगलवार को कैमूर में रामगढ़ से सुशील कुशवाहा की उम्मीदवारी की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कुशवाहा जमीनी कार्यकर्ता हैं और राजनीति में बहुत पुराने हैं। इससे पहले सोमवार को प्रशांत किशोर ने रामगढ़ सीट से पांच संभावित उम्मीदवारों के नाम बताए थे। इस सीट से टिकट की रेस में सुशील कुशवाहा के अलावा विनायक प्रसाद जायसवाल, शमीम अहमद, आनंद सिंह और राम नारायण राम का नाम शामिल था।
दो राजपूतों की टक्कर में पीके का कुशवाहा दांव
कैमूर की रामगढ़ विधानसभा सीट से दोनों प्रमुख दल आरजेडी और बीजेपी ने राजपूत उम्मीदवारों को टिकट दिया है। आरजेडी के टिकट पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह मैदान में हैं। वहीं, बीजेपी के टिकट पर पूर्व विधायक अशोक सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए जन सुराज पार्टी ने रामगढ़ से कुशवाहा कैंडिडेट पर दांव खेला है। इसकी संभावना पहले ही जताई जा रही थी। वहीं, इस सीट से बसपा ने यादव जाति पर दांव खेलते हुए पिंटू यादव को टिकट दिया है, जो पूर्व विधायक अंबिका यादव के भतीजे हैं। ऐसे में रामगढ़ सीट में उपचुनाव का मुकाबला काफी रोचक हो सकता है।