मायावती का बिहार में खेल, रामगढ़ में राजद और भाजपा के राजपूत के मुकाबले बसपा का यादव
बिहार की चार सीटों पर उपचुनाव होना है। जिसमें रामगढ़ की सीट पर बीएसपी की एंट्री से मुकाबला दिलचस्प बन गया है। राजद और बीजेपी के राजपूत प्रत्याशियों के बीच बसपा ने यादव प्रत्याशी को उतारा है। इस सीट पर आरजेडी के सुधाकर सिंह 6 बार विधायक रह चुके हैं।
बिहार उपचुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी भी किस्मत आजमा रही है। रामगढ़ की विधानसभा सीट पर महागठबंधन और एनडीए ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इस बीच बीएसपी ने भी प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। दो राजपूतों के बीच यादव कैंडिडेट को उतारा है। रामगढ़ से महागठबंधन समर्थित आरजेडी प्रत्याशी अजित कुमार सिंह चुनावी मैदान में है। जो राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं।
वहीं एनडीए की ओर से बीजेपी प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह हैं। जो इस सीट से विधायक भी रह चुके हैं। इस बीच बीएसपी ने सतीश कुमार यादव को बीएसपी प्रत्याशी के तौर पर चुनावी रण में उतारा है। आपको बता दें सतीश कुमार के चाचा अंबिका यादव पूर्व में विधायक रहे हैं। बसपा प्रमुख मायावती के निर्देश पर उनके नाम का ऐलान बिहार प्रदेश इकाई ने किया है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शंकर महतो ने इसकी जानकारी दी है। रामगढ़ की सुधाकर सिंह के बक्सर से सांसद चुने जाने के बाद से खाली हुई थी।
रामगढ़ सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो राजपूत, यादव, रविदास, मुस्लिम मतदाता अहम भूमिका रही है। आरजेडी के सुधाकर सिंह इस सीट से 6 बार विधायक चुके गए हैं। इस बार बीएसपी भी बिहार उपचुनाव लड़ रही है। और कह चुकी है कि बसपा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। किसी दल से किसी तरह का कोई गठबंधन नहीं करेगी।
तरारी को छोड़ अन्य तीनों सीटों पर महागठबंधन और एनडीए के एक ही जाति के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। ऐसे में प्रभावी जातियों के वोटों का बिखराव रोकना दोनों गठबंधनों के लिए चुनौती है। सभी सीटों पर अन्य जातियां निर्णायक साबित हो सकती हैं। इन दोनों गठबंधनों के अलावा प्रशांत किशोर भी तीसरा कोण बनाने की जुगत में हैं।
चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में परिवारवाद की भी खूब झलक दिख रही है। रामगढ़ से पूर्व विधायक नरेन्द्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत भाजपा के प्रत्याशी हैं। इमामगंज से हम के संरक्षक और केंद्रीय सूक्ष्म एवं लघु मध्यम उद्योग मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी बहू और राज्य सरकार में सूचना प्रावैद्यिकी मंत्री संतोष कुमार सुमन की पत्नी दीपा मांझी को उम्मीदवार बनाया।
तरारी को छोड़ अन्य तीनों सीटों पर महागठबंधन और एनडीए के एक ही जाति के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। ऐसे में प्रभावी जातियों के वोटों का बिखराव रोकना दोनों गठबंधनों के लिए चुनौती है। सभी सीटों पर अन्य जातियां निर्णायक साबित हो सकती हैं। इन दोनों गठबंधनों के अलावा प्रशांत किशोर भी तीसरा कोण बनाने की जुगत में हैं।
चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में परिवारवाद की भी खूब झलक दिख रही है। रामगढ़ से पूर्व विधायक नरेन्द्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय के पुत्र विशाल प्रशांत भाजपा के प्रत्याशी हैं। इमामगंज से हम के संरक्षक और केंद्रीय सूक्ष्म एवं लघु मध्यम उद्योग मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी बहू और राज्य सरकार में सूचना प्रावैद्यिकी मंत्री संतोष कुमार सुमन की पत्नी दीपा मांझी को उम्मीदवार बनाया।
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महागठबंधन में रामगढ़ सीट से राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत कुमार सिंह को राजद ने उम्मीदवार बनाया है। जगदानंद सिंह के बड़े बेटे सुधाकर सिंह के बक्सर से सांसद बन जाने के कारण यहां चुनाव हो रहा है। बेलागंज से लगातार विधायक रहे सुरेन्द्र प्रसाद यादव के बेटे विश्वनाथ सिंह राजद से चुनावी मैदान में हैं। 13 नवंबर को बिहार की चारों सीटों पर उपचुनाव होना है। 23 नवंबर को मतगणना होनी है।