पूर्णिया सांसद पप्पू यादव और पत्नी रंजीत रंजन को कोर्ट से राहत, 15 साल पुराने केस में बरी
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव और उनकी राज्यसभा सांसद पत्नी रंजीत रंजन को 15 साल पुराने एक मामले में अदालत ने बरी कर दिया। पूर्णिया के एमपीएमएलए कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया।
बिहार के पूर्णिया से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने पप्पू यादव, उनकी पत्नी एवं राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन और संतोष यादव को 15 साल पुराने मामले में बरी कर दिया है। यह मामला साल 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है। उनपर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की गई थी। अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
सांसद पप्पू यादव के वकील मुरारी चौबे एवं ब्रज किशोर सिंह ने बताया कि इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से एक गवाह प्रस्तुत किया गया था। साक्ष्य के आभाव में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी करते हुए मुकदमे का निपटारा कर दिया। उन्होंने बताया कि 8 मार्च 2009 को पूर्णिया के तत्कालीन एसडीओ सह डीसीएलआर संजय उपाध्याय ने केहाट थाने में कांड सं. 75/09 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
उसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि 7 मार्च 2009 को कटिहार से पूर्णिया आने के क्रम में सांसद पप्पू यादव के नागरिक अभिनंदन के लिए रंगभूमि मैदान को बैनर, पोस्टर एवं तोरणद्वार से सजाया गया था। साथ ही जुलूस का भी आयोजन किया गया जिसमें आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था। पुलिस ने इस मामले में अनुसंधान के बाद सांसद समेत रंजीत रंजन एवं संतोष यादव के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।J
अदालत ने इस मामले में कानूनी प्रक्रिया पूरी कर 5 फरवरी 2014 को गवाह प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया। लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी केवल एक गवाह कोर्ट में बयान दर्ज कराने पहुंचा। अब अदालत ने अपना फैसला सुनाया। गुरुवार को फैसले के दिन सांसद पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोर्ट कैंपस पहुंचे। इस दौरान कोर्ट परिसर के बाहर उनके समर्थकों की भी भीड़ लगी रही।