Hindi Newsबिहार न्यूज़Preparation to provide electricity to common people like VIP areas in Bihar know what plan of the electricity compan

बिहार में VIP इलाकों की तरह आम लोगों को बिजली देने की तैयारी, जानें क्या है बिजली कंपनी का प्लान

राज्य के वीआईपी इलाकों को दो-दो स्रोतों से बिजली आपूर्ति होती है। इसके तहत एक छोर से बिजली आपूर्ति में खराबी आ जाय तो तत्काल दूसरे छोर से आपूर्ति बहाल कर दी जाती है। इसके लिए ग्रिडों को आपस में जोड़ा जाता है। निचले स्तर पर 11 केवी के दो तार को मिलाकर एक किया जाता है।

sandeep हिन्दुस्तान, पटनाMon, 11 Nov 2024 09:31 PM
share Share

बिहार में वीआईपी इलाकों की तर्ज पर अब आम लोगों को भी बिजली देने की तैयारी है। बिजली कंपनी ने ग्रिडों को आपस में जोड़ने का निर्णय लिया है, ताकि एक ग्रिड से बिजली आपूर्ति बंद हो जाय तो दूसरे स्रोतों से बिजली सेवा बहाल कर दी जाय। साथ ही निचले स्तर पर 11 केवी के तार को भी जोड़ा जाएगा. ताकि खराबी आने पर संबंधित इलाके में बिजली आपूर्ति बाधित न हो। बिजली कंपनी ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है। केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है। केंद्र से पैसा मिलते ही इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा और दो साल के भीतर उसे पूरा कर लिया जाएगा।

कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, अभी राज्य के वीआईपी इलाकों को दो-दो स्रोतों से बिजली आपूर्ति होती है। इसके तहत एक छोर से बिजली आपूर्ति में खराबी आ जाय तो तत्काल दूसरे छोर से आपूर्ति बहाल कर दी जाती है। इसके लिए ग्रिडों को आपस में जोड़ा जाता है। यही नहीं, निचले स्तर पर 11 केवी के दो तार को मिलाकर एक किया जाता है। ऐसे में अगर एक तार में खराबी आ जाय या टूट जाय तो तत्काल दूसरे छोर से आने वाले तार से आपूर्ति बहाल कर दी जाती है।

इस काम को अंजाम देने के लिए रिमोट मॉनिटरिंग यूनिट लगाई जाती है। कुछ स्थानों पर यह ऑटोमेटिक होता है। यानी एक के खराब होने पर खुद दूसरे छोर से बिजली सेवा चालू हो जाती है। वहीं कई स्थानों पर यह मैनुअल भी होता है। यानी एक स्रोत से बिजली आपूर्ति सेवा बाधित हो तो कंपनी के कर्मी जाकर दूसरे स्रोत से बिजली सेवा बहाल कर देते हैं।

आरएमयू की सुविधा अभी पटना के वीआईपी इलाकों के साथ ही कुछ और स्थानों पर है। चूंकि राज्य के सभी इच्छुक लोगों को बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है। अब कंपनी गुणवत्तापूर्ण निर्बाध बिजली देने की योजना पर काम कर रही है। इसलिए पटना के अलावा अन्य प्रमुख शहरों में भी इस प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए स्मार्ट फीडर मैनेजमेंट (स्काडा-एमएस) सिस्टम को लागू किया जा रहा है।

कंपनी ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस पूरी परियोजना पर 617 करोड़ 73 लाख खर्च होने का अनुमान है। केंद्र सरकार के सहयोग से इस परियोजना पर काम पूरा होना है। इसलिए कंपनी ने डीपीआर तैयार होते ही केंद्र सरकार को भेज दी है। अब जैसे ही कंपनी को केंद्र से इस मद में राशि मिल जाएगी, इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा। कंपनी के अधिकारियों ने उम्मीद जाहिर की है कि इस योजना के पूरा होने पर आने वाले वर्षों में लोगों को हर मौसम में निर्बाध बिजली मिलने लगेगी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें