नहीं मिलता एंबुलेंस, डिलीवरी के बाद नवजात को ठेले पर ले जाने को मजबूर मां
महिला से जब पूछा गया कि उन्हें एंबुलेंस नहीं मिला? एंबुलेंस के लिए पूछने पर क्या बोलते हैं? तब इसपर जवाब देते हुए महिला ने कहा, 'हम फोन भी करते हैं तो वो कहते हैं कि चल जाओ अपने से सरकारी में। इसलिए ऐसे ही ले जा रहे हैं।'
बिहार के भभुआ जिले के कैमूर से हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर बताती है कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर योजनाएं तो काफी बनती हैं लेकिन धरातल पर वो कितनी कामगर हैं। दरअसल यहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल तक आने के लिए एंबुलेंस तक मयस्सर नहीं हुआ। ऐसी हालत रही कि महिला को ठेले से अस्पताल आना पड़ा। विडंबना तो यह भी है कि नवजात को जन्म देने के बाद महिला और नवजाद दोनों को ही इसी ठेले से वापस घर भी जाना पड़ा है।
ठेले पर अपने नौनिहाल के साथ बैठी महिला का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में महिला अपने बच्चों और घर की एक अन्य महिला सदस्य के साथ ठेले पर बैठी नजर आ रही हैं।
बातचीत के दौरान इस महिला ने कहा, 'नहीं हम लोग इसी से जाते हैं और इसी से आते हैं। हम रामगढ़ अस्पताल आए थे। मैं डिलीवरी कराने के लिए इसी ठेले से आई थी और इसी ठेले से फिर जा भी रही हूं।' महिला से जब पूछा गया कि उन्हें एंबुलेंस नहीं मिला? एंबुलेंस के लिए पूछने पर क्या बोलते हैं? तब इसपर जवाब देते हुए महिला ने कहा, 'हम फोन भी करते हैं तो वो कहते हैं कि चल जाओ अपने से सरकारी में। इसलिए ऐसे ही ले जा रहे हैं।'
क्या बोले SDM…
इस मामले में मोहनिया के एसडीएम राकेश कुमार सिंह से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'आपके द्वारा अभी हमको वीडियो दिखाया गया है। मामला पहले से संज्ञान में नहीं था लेकिन अभी आपने इसे संज्ञान में लाया है। हम खुद इसकी जांच करवाएंगे कि यह पूरा क्या मामला है। किन परिस्थितियों में महिला को एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कराई गई? इसकी जांच करवाई जाएगी। प्रसव के पूर्व या प्रसव के बाद महिला को एंबुलेंस क्यों नहीं मिली? इसकी हम स्वत: जांच करेंगे।'