अब अफसरों पर केस करेंगे प्रशांत किशोर, बोले- तैयार रहें, किसी को नहीं छोड़ेंगे
- प्रशांत किशोर का 15 दिन पुराना अनशन टूट गया है। उन्होंने कहा कि गांधी की मूर्ति के नीचे से हटाया तो गंगा की गोद में आकर बैठ गए हैं। गर्दनीबाग धरना स्थल को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार का लड़का नाले पर बैठने के लिए नहीं बना है।
जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने अपना 15 दिन पुराना अनशन तोड़ते ही बिहार सरकार के अफसरों को क्रिमिनल रिट केस करने की धमकी दे दी है। पटना में 6 जनवरी को गांधी मैदान से अहले सुबह अपनी गिरफ्तारी से लेकर शाम रिहाई तक पुलिस हिरासत में रहे प्रशांत किशोर ने पटना में गंगा नदी के किनारे अपनी पार्टी के नए कैंप कार्यालय में मीडिया से कहा कि वो किसी भी अफसर को छोड़ेंगे नहीं, ये लोग तैयार रहें। प्रशांत किशोर ने कहा है कि 6 जनवरी को जो हुआ है उसके लिए पदाधिकारियों पर वो क्रिमिनल केस दाखिल करेंगे।
हाईकोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अधिकार है कि वो नागरिक के मौलिक अधिकारों की रक्षा करे और इस तरह से दर्ज केस को रद्द कर दे। बता दें कि प्रशांत किशोर पर बिहार लोक सेवा आयोग की संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान अब तक तीन मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। 6 जनवरी को पटना पुलिस ने उन्हें 2 जनवरी को बिना इजाजत गांधी मैदान में अनशन शुरू करने वाले केस में दर्ज किया था जिसमें उन्हें कोर्ट के आदेश पर थाने से जमानत दी गई थी। प्रशांत पर उस दिन कोर्ट में भीड़ जुटाने का भी केस हुआ है और 26 दिसंबर के लाठीचार्ज को लेकर भी केस हुआ था।
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प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में कोई कमजोर आदमी अब अपने आप को अकेला ना समझे। सरकारी कामकाज में बाधा कानून का इस्तेमाल करके आवाज दबाई जा रही है, उसके खिलाफ ये आवाज है। उन्होंने कहा- “और जो 6 जनवरी को हुआ। एक भी पदाधिकारी को छोड़ेंगे नहीं। दो दिन के अंदर उसमें जितने भी अफसर शामिल हैं, वो क्रिमिनल रिट के लिए तैयार हो जाएं। कोर्ट में केस होगा, मानवाधिकार आयोग भी जाएंगे। बिहार में ये मापदंड फिर से तय किया जाएगा कि यहां लोकतंत्र है। ये लोकतंत्र की जननी है। लाठीतंत्र बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।"
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प्रशांत किशोर ने अपने नए कैंप कार्याल में मीडिया से कहा कि हाईकोर्ट से न्याय नहीं मिलेगा तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। गांधी मैदान में मीडिया के सामने अपनी गिरफ्तारी का हवाला देते हुए पीके ने कहा कि पुलिस जब किसी अल्पसंख्यक, दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा या गरीब को घर से उठा ले जाती होगी, तो उसके साथ क्या करती होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस गरीब लोगों को गलत केस में भी पकड़ लेती है तो कोई पूछने वाला नहीं है। सिर्फ शराबबंदी में एक लाख से ज्यादा लोग जेल में बंद हैं। ज्यादातर गरीब, अति पिछड़े और दलित समाज के लोग हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की आवाज के लिए जन सुराज पार्टी का सत्याग्रह शुरू हो रहा है।