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एक देश एक चुनाव के समर्थन में प्रशांत किशोर, कहा- बीजेपी की नीयत सही है, तो यह गलत नहीं

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर सही नीयत और सही इरादे से एक देश एक चुनाव लागू किया जाए, तो यह सही है। मगर, बीजेपी इसे अपने फायदे के लिए लागू करना चाहती है।

पीटीआई गयाThu, 31 Oct 2024 11:26 PM
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जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक देश एक चुनाव की नीति का समर्थन किया है। उन्होंने इस नीति पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नीयत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन को सही इरादे से लागू किया जाए, तो इसमें कोई गलती नहीं है। मगर बीजेपी अपने फायदे के लिए यह व्यवस्था लागू करे, तो यह गलत होगा।

चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने गया में गुरुवार को कहा कि आजादी के बाद भारत में 1965 तक एक देश एक चुनाव ही लागू था। लेकिन, अगर इस इरादे से यह लागू किया जाता है कि स्थिति हमारे पक्ष में है और जल्दी से सभी चुनाव एक साथ करा लें, तो यह सही नहीं है। उन्होंने झारखंड में अगले महीने हो रहे विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला।

पीके ने कहा कि एक तरफ आप एक देश एक चुनाव की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ झारखंड जैसे छोटे से राज्य में आप अलग-अलग चरणों में चुनाव करवा रहे हैं। ताकि आपको प्रचार के लिए थोड़ा और समय मिल जाए। ये दोनों चीजें एक साथ नहीं हो सकती हैं। इससे यह लगता है कि जब देश में बीजेपी की लहर होगी, तो वे एक साथ सभी चुनाव करवा देंगे।

प्रशांत किशोर ने कहा कि एक देश एक चुनाव की अवधारणा में कोई खोट नहीं है। मगर जब कोई कानून बनता है तो उसके पीछे की नीयत क्या है, यह पता लगाना जरूरी है। यह देखना चाहिए कि उस कानून से किसी एक समुदाय को लक्षित तो नहीं किया जा रहा है, या फिर किसी को डराने-धमकाने या राजनीतिक फायदे के लिए इसका इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा है।

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उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद बीजेपी के नेताओं ने एक देश एक चुनाव की बात करना छोड़ दिया, क्योंकि उनकी सीटें घट गईं। अब हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए तो उसके बाद फिर से इस मुद्दे पर चर्चा शुरू कर दी गई है। पीके ने बीजेपी नेताओं से कहा कि अगर आप देशहित चाहते हैं तो दोनों ही परिस्थिति में आपको एक देश एक चुनाव कराने के लिए तैयार रहना चाहिए। चाहे आप चुनाव जीत रहे हैं, या नहीं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के केवडिया में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस परेड कार्यक्रमम के कहा कि हम वन नेशन वन इलेक्शन की तरफ बढ़ रहे हैं। इससे भारत के लोकतंत्रको और मजबूती मिलेगी। इससे देश के संसाधनों का इस्तेमाल भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में किया जा सकेगा। इससे पहले 18 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस प्रस्ताव में लोकसभा, विधानसभा और शहरी निकाय एवं पंचायत चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान है।

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