Hindi Newsबिहार न्यूज़Prashant Kishor claims if there was no Chirag Paswan factor then Tejashwi Yadav would get 30 seats only

चिराग फैक्टर नहीं होता तो तेजस्वी को 30 सीटें ही मिलती, प्रशांत किशोर बोले- हमारा मुकाबला सिर्फ NDA से

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने दावा किया कि 2025 में उनकी पार्टी का मुख्य मुकाबला एनडीए से ही होगा। आरजेडी कोई फैक्टर नहीं है।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तानSat, 10 Aug 2024 01:29 PM
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बिहार में जन सुराज पार्टी बनाकर 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनका मुकाबला सिर्फ एनडीए से है। 2020 के विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए पीके ने कहा कि अगर पिछली बार चिराग पासवान फैक्टर नहीं होता तो तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को इतनी सीटें नहीं मिलती। उन्होंने दावा किया कि बिहार में अब आरजेडी को कोई फैक्टर नहीं रह गया है। अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के एनडीए और जन सुराज के बीच ही लड़ा जाएगा।

चुनावी रणनीतिकार रहे जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में कहा कि एनडीए का एक टायर नीतीश कुमार हैं। उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) पहले से ही पंचर है और उसमें स्टेपनी जैसे 2-4 स्टेपनी जैसे छोटे दल साथ लगे हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कितना ही खींच लेगी, यह सोचने का विषय है।

पीके ने आगे कहा कि लालू एवं तेजस्वी यादव की पार्टी को बिना मतलब के बड़ा समझा जा रहा है। पिछली बार आरजेडी ने अपने दम पर कब चुनाव जीता था। 1995 के बाद से वह पार्टी कांग्रेस की स्टेपनी पर चल रही है और बीच में जेडीयू के सहारे सत्ता में आई थी।

पीके ने कहा कि लोग आरजेडी को बड़ी पार्टी कहते हैं। मगर 2010 के विधानसभा चुनाव में महज 22 सीटें लेकर आई थी। 2015 के चुनाव में तो जेडीयू के साथ रहते हुए हम लोगों ने आरजेडी की मदद की थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में अगर चिराग पासवान खड़े नहीं होते तो आरजेडी की 30 से 32 सीटें ही आती।

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बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी 243 में से 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हालांकि, बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन को बहुमत मिलने के बाद राज्य में एनडीए की सरकार बनी। पिछले चुनाव में लोजपा में टूट से नाराज होने का बाद चिराग पासवान ने कई सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था। इससे आरजेडी नीत महागठबंधन को कुछ सीटों पर फायदा हुआ था।

प्रशांत किशोर बीते दो सालों से बिहार में पदयात्रा निकाल रहे हैं। वह अपने जन सुराज संगठन को आगामी दो अक्टूबर को राजनीतिक पार्टी में बदलेंगे। पीके 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर चुके हैं।

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